विनोद कुशवाहा/ आस्ट्रेलिया ने एडिलेड के डे नाईट टेस्ट में भारत को 8 विकेट से धूल चटा दी थी। आस्ट्रेलिया ने विराट जैसे कप्तान को सूक्ष्म साबित करते हुए इंडिया को उसकी औकात दिखा दी। मात्र 90 मिनिट में टीम इंडिया 36 रन के न्यूनतम स्कोर पर लुढ़क गई। इसके साथ ही टूट गया 88 साल का रिकॉर्ड भी। साथ ही बना एक और शेमलेस रिकॉर्ड। 96 साल के अंतराल में हमारी टीम का एक भी बैट्समैन दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सका। इसमें भी 3 बल्लेबाज पुजारा, रहाणे, अश्विन 0 पर ही ढेर हो गए। भारत की फील्डिंग भी बद से बदतर रही। हमारे मंजे हुए खिलाड़ियों ने 5 कैच छोड़ दिये।
दूसरा टेस्ट मेलबोर्न में खेला गया जो 100 वां टेस्ट था। पहले टेस्ट में शर्मिंदगी झेलने के बाद अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारत ने पहले दिन ही आस्ट्रेलिया को 195 रनों पर आल आउट कर दिया। इस मैच से तेज गेंदबाज सिराज ने डेब्यू किया था। 35 वर्षों के अंतराल के बाद इंडिया ने 2 टेस्ट मैच में लगातार बढ़त ली। इसमें भारतीय कप्तान रहाणे के शतक का विशेष योगदान रहा। आस्ट्रेलिया दूसरी पारी में भी भारतीय गेंदबाजों के सामने असहाय नजर आया और उसकी पूरी टीम ने 200 रन पर घुटने टेक दिए। भारत को केवल 70 रनों का टारगेट मिला जो उसने मात्र 2 विकेट खोकर ही पूरा कर लिया। इस तरह चौथे दिन ही भारत ने श्रंखला 1-1 से बराबर कर ली। पुजारा फिर असफल रहे। बुमराह की सटीक गेंदबाजी की पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी जमकर तारीफ की।
तीसरा टेस्ट सिडनी में खेला गया। जिसमें जहां एक ओर तेज गेंदबाज नवदीप सैनी ने डेब्यू किया तो वहीं दूसरी ओर क्लेयर पोलोसाक पुरुषों के टेस्ट मैच में अंपायरिंग करने वाली पहली महिला अंपायर बनीं। पहली पारी में स्मिथ के शतक की बदौलत आस्ट्रेलिया ने 338 रन बनाए। इसके साथ ही स्मिथ ने सचिन – कोहली के रिकॉर्ड के धुर्रे बिखेर दिए। सैनी ने भी 2 विकेट झटके। शुभमन गिल ने पहली पारी में अपने टेस्ट कैरियर का पहला अर्द्ध शतक जमाया। पुजारा ने भी धीमी बल्लेबाजी करते हुए 50 रन बनाये। 12 साल के इतिहास में पहली बार भारत के 3 बल्लेबाज बिहारी, अश्विन, बुमराह रन आउट हुए। जबकि अपने टेस्ट डेब्यू के बाद पुजारा सबसे ज्यादा रन आउट होने वाले खिलाड़ी हैं। उसकी सीधी -सादी वजह है उनके दोनों घुटनों का दो-दो बार ऑपरेशन होना। चलिये आगे बढ़ते हैं। टीम इंडिया अपने खाते में कुल मिलाकर 244 रन ही जोड़ सकी। इधर आस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी 312 रन पर घोषित कर दी। ओपनर रोहित और शुभमन ने 14 साल के अंतराल के बाद भारत की ओर से 50 + रन की पार्टनरशिप की। टीम इंडिया के जांबाज ऑल राउंडर जडेजा चोटिल होने के बाद भी पेन किलर इंजेक्शन लेकर खेलने को तैयार थे । याद रहे कि उन्हें विराट कोहली की जगह टीम में लिया गया था। भारतीय टीम ने 40 साल में सबसे लंबी चौथी पारी खेलते हुये अंततः मैच ड्रा करा लिया । अश्विन और हनुमा की देखने लायक साढ़े तीन घण्टे की बल्लेबाजी का इसमें बहुमूल्य योगदान रहा। 205 गेंदों पर पुजारा के 77 रनों को भी आप कभी नहीं भूल पाएंगे । हालांकि पंत शतक बनाने से चूक गए पर उनकी 97 रनों की पारी अद् भुत रही । जडेजा को तो अवसर ही नहीं मिला और टीम इंडिया ने भारत को 1-1 की बराबरी ला खड़ा किया । गौर तलब बात ये है कि पंत, बिहारी, अश्विन सब चोटिल थे लेकिन वे अंत तक आस्ट्रेलिया के बाउंसर से जूझते रहे और उन्हें अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया । भारतीय टीम का ड्रेसिंग रूम तो जैसे अस्पताल बन गया था। चोटिल खिलाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही थी। ऐसे में यॉर्कर के महारथी नटराजन का डेब्यू तय था । आखिरकार नटराजन एक ही टूर पर तीनों फार्मेट में डेब्यू करने वाले पहले भारतीय बने।
आस्ट्रेलिया ने चौथे और अंतिम टेस्ट में भारत के समक्ष लाबुशेन के शतक के सहयोग से 369 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया । नटराजन ने अपनी उपयोगिता साबित करते हुए 3 विकेट झटके । उसमें लाबुशेन का विकेट भी शामिल था । उन्होंने लाबुशेन जैसे टिकाऊ बल्लेबाज को पवेलियन की राह दिखाई । तब तक वे अपना काम कर चुके थे । लाबुशेन को 2 जीवनदान भी मिले । हालांकि खेल के साथ – साथ आस्ट्रेलिया का डर्टी गेम भी चल रहा था। इसमें उसके खिलाड़ी तो शामिल थे ही दर्शक भी शामिल हो गए । सिराज ने तो इसकी शिकायत अंपायर तक से की । मगर उनकी शिकायत को गम्भीरता से लेने की बजाय उन्हें ही ये कह दिया गया कि – आप चाहें तो खेल छोड़कर जा सकते हैं । सिराज ने ऐसा करने से इंकार कर दिया । बावजूद इस सबके वाशिंगटन सुंदर ने 3 विकेट झटक लिए। उन्होंने तो डेब्यू करते हुए 110 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया । यहां ये उल्लेखनीय है कि पहली पारी में वाशिंगटन ने 7 वें क्रम पर बेटिंग करते हुए सबसे ज्यादा 62 रन जोड़े। सुंदर और ठाकुर ने न केवल कपिल – प्रभाकर का 30 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा वरन संदीप पाटिल और कपिल का 8 वें नम्बर की बल्लेबाजी के क्रम का 38 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया । इस तरह भारतीय बल्लेबाजों ने 336 रन का स्कोर खड़ा कर दिया । दूसरी पारी में भी इंडिया ने आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम को ऑल आउट किया । भारतीय क्रिकेट टीम ने इस रोमांचक क्षण का 12 साल इंतजार किया था । शार्दूल ठाकुर की फिरकी के आगे आस्ट्रेलिया के 4 बल्लेबाज नतमस्तक हो गए तो सिराज ने भी आस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों और दर्शकों के नस्लवादी डर्टी गेम का करारा जवाब देते हुए उनके 5 विकेट लुढ़का दिए । इसके साथ ही उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े और कई नए रिकॉर्ड बनाए । वे दूसरी पारी में पांच विकेट लेकर डेब्यू सीरीज में सबसे अधिक विकेट लेने वाले भारतीय क्रिकेटर बने । सिराज ने श्रीनाथ का रिकॉर्ड ब्रेक किया । आस्ट्रेलियाई सीरीज में उन्होंने भारत की ओर से खेलते हुए सर्वाधिक 13 विकेट लिए । आखिर उन्हें अपने अब्बू का ख्वाब जो पूरा करना था । देश के प्रति उनका जज्बा नवम्बर 2017 में तब देखने को मिला जब राजकोट में टी ट्वेंटी डेब्यू में राष्ट्रगान के समय उनकी आंखें नम हो गईं थीं । सिडनी टेस्ट मैच में भी राष्ट्रगान के दौरान सिराज की आंखों से आंसू बह निकले । उतना ही प्रेम उन्हें अपने अब्बू से था जो अब नहीं रहे ।भारत लौटने के बाद सिराज सबसे पहले अपने पिता की कब्र पर पहुंचे और उन्हें अपनी उपलब्धि समर्पित की । खैर । दूसरी पारी में टीम इंडिया के युवा बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रिस्बेन में जीत का परचम लहराया । इस मैदान पर 30 साल बाद हारने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम पर जीत के हीरो पंत बने । मैन ऑफ द मैच पंत ने नाबाद 89 रन बनाकर आस्ट्रेलिया को अकेले ही धूल चटा दी । उन्होंने विकेटकीपर के तौर पर सबसे तेज 1000 रन बनाकर धोनी का रिकॉर्ड टुकड़े – टुकड़े कर दिया । गिल चौथी पारी में अर्द्ध शतक लगाकर सबसे युवा ओपनर बन गए । इस तरह उन्होंने लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर का 50 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा । यहां हम पुजारा के योगदान को भी नहीं भूलें जिन्होंने 3 बार घायल होने के बाद भी 211 गेंदों का सामना करते हुए 56 रन जड़ दिए । इस तरह भारतीय शावकों ने आस्ट्रेलियाई नकचढ़े खिलाड़ियों का उन्हीं के मैदान पर शिकार किया । उनके इस जोश की न केवल आस्ट्रेलियाई मीडिया ने बल्कि सम्पूर्ण विश्व के क्रिकेट जगत ने भरपूर सराहना की । असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी टीम इंडिया की इस जीत की प्रशंसा की । उन्होंने युवाओं को टीम इंडिया की इस विजय से सीख लेने की सलाह दी । प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि – जीवन में संघर्ष से बचने का कोई भी रास्ता नहीं है ।
अब इंग्लैंड की बारी है पर कप्तान वही घिसे पिटे विराट कोहली होंगे जो टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में टॉप 3 से भी बाहर हो गए हैं। आस्ट्रेलियाई आल राउंडर मार्नस लाबुशेन कोहली को पछाड़कर उनसे आगे हो गए। इस बार चुनी गई टेस्ट टीम में नटराजन को जगह नहीं दी गई है। वैसे भी क्रिकेट भाग्य का खेल है। तकनीकि में संजय मांजरेकर … सुनील गावस्कर से बेहतर बैट्समैन थे। ठीक उसी तरह जैसे विनोद कांबली सचिन तेंदुलकर से बीस नहीं थे तो उन्नीस भी नहीं थे। खैर। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने कहा भी है कि – ” भारत का मुकाबला करने के लिये असल टीम तो अब पहुंच रही है “। इंतजार करें और देखें।
विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwah)
9425043026