---Advertisement---

बहुरंग: जिन्हें हम भूलना चाहें

By
On:
Follow Us

विनोद कुशवाहा/ 2020 में हमने कई त्रासदियां झेलीं ।उनमें से कोरोना सबसे बड़ी त्रासदी थी जिससे हम तक नहीं उबर पाए हैं । इस त्रासदी के चलते हमने बहुत कुछ खोया। उनमें हमारे अपने भी शामिल रहे। इसके अलावा भी बीता हुआ वर्ष हमसे बहुत कुछ छीन कर ले गया। इनमें स्थानीय स्तर से लेकर विश्व स्तर तक की शख़्सियत हमारे बीच से उठकर यूं चली गईं कि बरबस ही हमें ये पंक्तियां याद आ गईं-

न हाथ थाम सके न पकड़ सके दामन
बड़े करीब से उठकर चला गया कोई

खेल जगत की बात करें तो हमने जहां अर्जेंटीना के ख्याति प्राप्त खिलाड़ी फुटबॉल के जादूगर डिऐगो माराडोना को खोया तो भारतीय फुटबॉलर पी के बनर्जी भी अब नहीं रहे। क्रिकेट की बात करें तो नादकर्णी, चेतन चौहान और हॉकी की चर्चा करें तो बलबीर सिंह का निधन हो गया।

चलिये अब मनोरंजन की दुनिया का रुख करते हैं। हॉलीवुड के सितारे शॉन कॉनेरी हमें रजत पट पर देखने को नहीं मिलेंगे। साथ ही नहीं दिखेंगे सूरमा भोपाली यानि जगदीप भी । इरफान खान से ऋषि कपूर तक और सुशांत सिंह से वाजिद खान तक काल के क्रूर हाथों की कठपुतली बन कर रह गए। संगीत की दुनिया में पद्य भूषण से सम्मानित शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की सुर लहरियां नीले आसमां में खो गईं। खो गई सुर संसार की सुरमई आवाज एस पी बाला सुब्रमण्यम। कारोबारी जगत से यूं तो यदुपति सिंघानिया का जाना बाजार को बहुत बड़ा झटका था लेकिन इससे ज्यादा हम सभी आहत हुए एम डी एच मसालों के सुपरिचित दादाजी महाशय धर्मपाल गुलाटी के देहावसान से। वे न केवल मसालों की दुनिया के बादशाह थे बल्कि उन्होंने अपने मसालों के स्वाद से हमारे घर की गृहणियों के दिलों पर कई वर्षों तक राज किया। बेजान दारूवाला के नाम और खासियत से तो आप वाकिफ़ ही होंगे। उन्हें भी आप भविष्य में नहीं देख पायेंगे। साहित्य जगत को तो बीते वर्ष में काफी क्षति हुई परन्तु कपिला वात्स्यायन, मंगलेश डबराल, राहत इंदौरी का निधन एक अपूरणीय क्षति है। मंगलेश जी की कविताएं हमें मंत्र मुग्ध करती रहेंगीं। एक बानगी देखिए। जैसे जाते हुए वो हम सबसे कह रहे हैं-

मरते हुए लोगों को वापस लाकर उन्हें उनकी बैठकों और काम की जगहों में बिठाना चाहिये हत्यारों से कहा जाना चाहिए कि एक भी मनुष्य का मरना पूरी मनुष्यता की मृत्यु है।अंत में राजनीति। देश के 13 वें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, कांग्रेस के संकट मोचक अहमद पटेल, मोतीलाल वोरा, तरुण गोगोई, हर सरकार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले कुशल राजनीतिज्ञ रामविलास पासवान, भाजपा के जसवंत सिंह, मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टन्डन, समाजवादी पार्टी के पूर्व महासचिव राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह आदि अब अखबारों की सुर्खियां नहीं बनेंगे। नर्मदांचल परिवार की ओर से उपरोक्त सभी शख्सियतों को सादर नमन। पुण्य स्मरण।

vinod kushwah

विनोद कुशवाहा (Vinod Kushwaha)

9425043026

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
Nagarpalika Narmadapuram
Noble Computer Services, Computer Courses

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.