आज 09 जून – भगवान बिरसा मुंडा बलिदान दिवस

Post by: Manju Thakur

Updated on:

– अभिषेक तिवारी, इटारसी :

वनवासी समाज के लिए उठाई बुलंद आवाज, क्रांतिकारी रहा जीवन..

◆ आज 09 जून बिरसा मुंडा जी की पुण्यतिथि है। उन्होंने महान उद्देश्यों को लेकर अपना प्राणोत्सर्ग किया और साथ ही वनवासी समाज में राष्ट्रीय चेतना की स्थापना की।

◆ बिरसा मुंडा जी का जन्म 1875 के दशक में छोटा नागपुर में मुंडा वनवासी परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह है जो आज के झारखंड के छोटा नागपुर पठार में निवास करते हैं।

◆ सामंती राजव्यवस्था के विरुद्ध स्वराज की बलिदानी उद्घोषणा करने वाली एक वनवासी आवाज जिसे ब्रिटिश हुकूमत अपने अथाह सैन्य बल से कभी झुका न सकी, उसका नाम है बिरसा मुंडा ।

◆ बिरसा जी न केवल महान राष्ट्रभक्त योद्धा थे बल्कि वे ईसाई साम्राज्यवाद और धर्मान्तरण के भी सख्त विरोधी थे। बचपन में मिशनरी स्कूल में धर्मांतरण के प्रयासों के बावजूद बिरसा जी वैष्णव मत के अनुयायी रहे।

◆ बिरसा मुंडा जी को सन 1900 में लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल की सजा दी गई थी। अंत में 9 जून 1900 मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें एक धीमा जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।

◆ 1895 में बिरसा जी ने अंग्रेजों की लागू की गयी ज़मींदारी प्रथा और राजस्व-व्यवस्था के ख़िलाफ़ लड़ाई के साथ-साथ जंगल-ज़मीन की लड़ाई छेड़ी थी। उन्होंने सूदखोर महाजनों के विरुद्ध आंदोलन किया। यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता और संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था।

◆ 1897 से 1900 के बीच वनवासियों और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे और बिरसा जी और उसके साथियों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था। अगस्त 1897 में बिरसा जी और उसके चार सौ सिपाहियों ने तीर कमानों से लैस होकर खूँटी थाने पर धावा बोला।

◆ जनवरी 1900 डोमबाड़ी पहाड़ी पर एक और संघर्ष हुआ था जिसमें बहुत सी महिलायें व बच्चे मारे गये थे। उस जगह बिरसा जी जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। बाद में बिरसा जी के कुछ शिष्यों की गिरफ़्तारियाँ भी हुईं। अन्त में स्वयं बिरसा जी भी 3 फरवरी 1900 को चक्रधरपुर में गिरफ़्तार कर लिये गये।

◆ बिरसा मुंडा जी ने अपनी अन्तिम साँसें 9 जून 1900 को राँची कारागार में लीं। आज भी बिहार, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ और पश्चिम बंगाल के जनजातीय क्षेत्रों में बिरसा मुण्डा जी को भगवान की तरह पूजा जाता है।

उन्होंने केवल 25 साल का जीवन गुजारा, लेकिन अपने विभूतिकल्प व्यक्तित्व के चलते सम्पूर्ण राष्ट्र व समाज के आदर्श हैं ।

Abhishek Tiwari

अभिषेक तिवारी
9860058101

Leave a Comment

error: Content is protected !!