डिप्टी रेंजर (Deputy ranger) पर लगा आदिवासी से पैसे लेने का संगीन आरोप

डिप्टी रेंजर (Deputy ranger) पर लगा आदिवासी से पैसे लेने का संगीन आरोप

– आदिवासियों ने कहा, वन मंत्री (Forest Minister) के पास सबूत लेकर जाएंगे

– आदिवासी की शिकायत पर एसडीओ वन (SDO ONE) ने शुरु की जांच

इटारसी। सतपुड़ा पर्वत श्रंखलाओं के भीतर बसे गांवों के आदिवासी अब वन विभाग (Forest Department) के अधिकारियों पर भरोसा छोड़कर वन मंत्री के समक्ष गुहार लगाने का मन बना चुके हैं। दरअसल, जंगल के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक डिप्टी रेंजर को बचाने अधिकारियों का रवैया देख, आदिवासी एकजुट हो गये हैं। वे डिप्टी रेंजर (Deputy ranger) के निलंबन से कम पर समझौता को तैयार नहीं हैं। आदिवासियों का दावा है कि उनके पास वन अधिकारी के खिलाफ बोलने और बताने को काफी कुछ है, जो वन मंत्री के समक्ष रखेंगे।
जमानी वन सर्किल के टांगना, मातापुरा में डिप्टी रेंजर राजेन्द्र नागवंशी (Deputy Ranger Rajendra Nagvanshi) के किये गये कार्यों पर आदिवासियों ने घोर आपत्ति उठायी है। आदिवासियों ने पिछले कुछ माह से लगातार कई शिकायतें कीं, कलेक्टर और जंगल महकमे के आला अफसरों से भी मुलाकात की। लेकिन, उनके मुताबिक बात नहीं बनी। अब ये वनवासी वनमंत्री के समक्ष पहुंचकर सारा मामला उनको बताने की योजना बना रहे हैं। इधर एसडीओ वन शिव अवस्थी ने कहा है कि जांच का काम प्रगति पर है। वे मंगलवार को भी जमानी जाएंगे।

एसडीओ ने लिये हैं बयान
आदिवासियों की शिकायत के बाद एसडीओ शिव अवस्थी (SDO Shiva Awasthi) ने मौके पर जाकर आदिवासियों से बयान लिये हैं। इस दौरान भी डिप्टी रेंजर राजेन्द्र नागवंशी सफाई देते रहे और अपने साथ वन अमला होने की बात करते रहे। संपूर्ण जांच और बयान के दौरान ग्रामीणों की एक ही मांग रही कि डिप्टी रेंजर को यहां से हटाया जाये। उन पर अवैध कटाई और रेत चोरी करने वालों को संरक्षण के आरोप लगते रहे हैं। इस बार एक आदिवासी से डैम से ट्रैक्टर निकालने के दौरान दस हजार रुपए मांगने की शिकायत की गईहै। इसके अलावा कुछ आदिवासियों से भूमि की सीमा बढ़ाने के नाम पर रुपए लेने के आरोप भी आदिवासी लगाते रहे। तार फैंसिंग के लिए बांस गाड़े जा चुके हैं। लेकिन, तार दो वर्ष में भी नहीं लगे हैं।

नहीं किया मजदूरों को भुगतान
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आदिवासियों का कहना है कि इटारसी वन सर्किल टांगना मातापुरा में डिप्टी साहब राजेंद्र नागवंशी ने 2 वर्षों पूर्व तार फैंसिंग (Wire fencing) के लिए बांस के खूंटे गड़ा दिये हैं, लेकिन 2 वर्षों से तार नहीं खींचे हैं। काम भी अधूरा है और इस कार्य के लिए मजदूरों का भुगतान भी नहीं किया है। मजदूर सुखराम कलमे, हरपाल दर्शीमा, छोटेलाल आरसे, अनिकेश काजले, लखबीर चौहान, सुदामा पसारे, महादेव राठौर ने मजदूरी नहीं मिलने की शिकायत आदिवासी सेवा समिति तिलक सिंदूर को कर मजदूरी दिलाने में मददकरने की गुहार लगायी है। समिति अध्यक्ष का कहना है कि अब सीधे बन मंत्री से मिलने जाएंगे। सभी के सबूत एवं बयान इक_े हो चुके हैं, बार-बार अधिकारी के पास नहीं जाएंगे, उनसे अब आदिवासियों को उम्मीद नहीं है।

इनका कहना है…
आदिवासियों की शिकायत पर जांच करने गये थे। आरोप लगाने वालों के बयान लिये हैं, पैसे लेने का आरोप संगीन है जांच प्रगति पर है। जहां तक मंत्री जी के पास जाने का सवाल है तो लोकतंत्र है, सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। जांच चल रही है, तत्काल किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है।
शिव अवस्थी,(Shiv Awasthi, SDO One)

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