इटारसी। डीएम (DM)के एक दिन पूर्व नरवाई में आग लगाना दंडनीय करने के आदेश के बावजूद खेत सुलगना बंद नहीं हुए हैं। न तो दिन में भूसा मशीन का उपयोग बंद हुआ है और ना ही नरवाई में आग लगाना। आज पिपरिया ( Pipariya)से होशंगाबाद (Hoshangabad)के बीच कई खेत सुलग रहे थे। निमसाडिय़ा (Nimsadia)गांव के पास स्टेट हाईवे (State Highway) से गुजरते वक्त हर ओर धुंआ और आग ही दिखाई दे रही थी। तवापुल (Tawapul) से जासलपुर (Jasalpur)तक कई स्थानों पर नरवाई सुलग रही थी।
कलेक्टर (Collector)एवं जिला दंडाधिकारी ने नरवाई जलाने पर दंडात्मक कार्यवाही के निर्देश जारी किये हैं। सोहागपुर (Sohagpur)और सेमरी हरचंद (Semri Harchand)के बीच खेत में दिन में भूसा मशीन चली, कोई देखने या रोकने वाला नहीं था। पिपरिया क्षेत्र में भी कई जगह दिन में भूसा मशीन चलने की जानकारी है। कुल जमा हालात यह हैं कि दंडात्मक कार्रवाई के आदेश के बावजूद कुछ किसान मान नहीं रहे हैं। कुछ किसानों की मनमानी की सजा दूसरे किसानों को भोगना पड़ रहा है।
कृषि विभाग पिछले दो वर्ष से नरवाई में आग न लगे इसके लिए युद्ध स्तर पर कार्यक्रम कर रहा है, कार्यशालाएं आयोजित करके किसानों को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है, इससे घटनाएं कम तो हुई हैं, लेकिन अभी जो परिणाम की उम्मीद की जानी चाहिए, वह मिल नहीं पा रहा है। अब तो डीएम ने भी आदेश कर दिये हैं। संभवत: ऐसे किसानों की पहचान होकर दंडात्मक कार्रवाई होगी तो कुछ रोक लग सके। बता दें कि जिले में नरवाई में आग लगने के कारण अग्नि दुर्घटना जनित आपदा की आशंका के दृष्टिगत कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट होशंगाबाद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 30 के तहत होशंगाबाद जिले की संपूर्ण राजस्व सीमाओं के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। आदेश अनुसार होशंगाबाद जिले की संपूर्ण राजस्व सीमा में कोई भी व्यक्ति खेत में खड़े डंठलों अथवा नरवाई में आग नहीं लगाएगा। भूसा मशीन का उपयोग प्रात: 10 बजे से सायं 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। भूसा मशीन का उपयोग 2 अग्निशामक यंत्रों के साथ किया जाएगा। बिना अग्निशामक यंत्र/ सुरक्षात्मक उपायों के भूसा मशीन का उपयोग किया जाना निषेध होगा। हार्वेस्टर (Harvester) संचालकों को निकट स्थित पुलिस थाने में अपना पंजीयन मय नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा। फसल कटाई के दौरान हार्वेस्टर मालिक/ चालक को दो अग्निशामक यंत्र चालू अवस्था में तथा अन्य सुरक्षात्मक उपायों को कार्य के दौरान साथ में रखना अनिवार्य होगा। रात्रि में हार्वेस्टर द्वारा फसल कटाई अथवा भूसा मशीन का उपयोग ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव अथवा कोटवार को पूर्व सूचना देकर तथा समुचित सुरक्षा प्रबंधन के साथ ही किया जा सकेगा। इन आदेशों का पालन करना या ऐसे किसानों को देखकर उच्च अधिकारियों को सूचना देने के लिए जब तक ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच, ग्राम कोटवार को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी, या उनके क्षेत्र में आग लगने पर उनकी जिम्मेदारी तय नहीं होगी, ऐसे घटनाएं रुकने की उम्मीद नहीं का जा सकता है।