दस दिन से डीपी खराब, धान रोपे का काम पिछड़ा

दस दिन से डीपी खराब, धान रोपे का काम पिछड़ा

इटारसी। समीपस्थ ग्राम गौंची तरोंदा (Village Gaonchi Taronda) में बिजली कंपनी (Electricity Company) का एक ट्रांसफार्मर विगत दस दिनों से खराब है। ट्रांसफार्मर खराब होने से आधे गांव में घरेलू बिजली सप्लाई एवं करीब 50 एकड़ कृषि जमीन की सिंचाई ठप हो गई है। पिछले दस दिनों से किसान अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, उन्हें आश्वासन ही मिल रहा है। किसानों का कहना है कि ट्रांसफार्मर (Transformer,) खराब होने से धान रोपे का काम पिछड़ रहा है, समय बीत गया तो धान रोपना मुश्किल हो जाएगा।

यह है मामला

प्रदेश सरकार भले ही किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त दस घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि बिजली उपकरणों की खराबी होने के कारण किसानों को आए दिन बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। यही आलम ग्राम गौंची तरोंदा का है, यहां वेयर हाउस (Ware House) के सामने लगी डीपी (DP) पिछले दस दिन पहले खराब हुई थी, इसके बाद यहां के किसानों एवं ग्रामीणों ने अपनी शिकायत पथरोटा बिजली कंपनी (Pathrota Electricity Company) कार्यालय में की, लेकिन दस दिन बीतने के बावजूद अभी तक ट्रांसफार्मर बदला नहीं गया है।

बकाया है इसलिए रुका है मामला

बिजली कंपनी के सहायक प्रबंधक ग्रामीण अंकित पटेल के अनुसार इस ट्रांसफार्मर से लगे किसानों पर करीब 50 हजार रुपये एवं घरेलू कनेक्शन (Household Connection) पर 30 हजार रुपये समेत 80 हजार रुपये बकाया है, उन्हें पहले से बिल जमा करने को कहा जा रहा है। किसानों से बात हो गई है कि 10 फीसद राशि जमा करा दें, जिसके बाद ट्रांसफार्मर बदला जाएगा।
किसान नेता विजय बाबू चौधरी ने बताया कि यह अकेले गौंची तरोंदा का मामला नहीं है, बल्कि पूरे जिले में आए दिन डीपी-ट्रांसफार्मर खराब होने, लाइन टूटने के कारण विद्युत सप्लाई प्रभावित होती है। सरकारी अफसर एसी चैंबर (AC Chamber) में बैठकर भरपूर बिजली देने का दावा करते हैं, लेकिन किसानों की समस्या को जमीनी धरातल पर समझने को कोई राजी नहीं है। यहां के किसान नीलू चौरे, बब्बन मेहतो ने बताया कि मूंग कटाई के बाद धान रोपे किए जा रहे हैं, अभी धान को पर्याप्त पानी देने की जरूरत है, वरना तेज धूप में रोपे सूख जाएंगे।

धान की तैयारी में किसान

मूंग कटाई के बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर धान की पैदावार होना है, खेतों की बखरनी के बाद अब किसान धान के रोपे लगाएंगे, इसके बाद खेत में भरपूर पानी की जरूरत होती है, अभी मानसून सक्रिय होने के बाद पर्याप्त बारिश नहीं हो रही है, ऐसे में किसानों को बिजली मिलना जरूरी है, ताकि समय पर सिंचाई की जा सके। पानी न मिलने पर धान के रोपे सूख जाएंगे। इधर डीपी से लगे आधे गांव की बिजली आपूर्ति ठप्प है। अंधेरे में ग्रामीण रहने को मजबूर हैं, बच्चों की पढ़ाई चौपट है, वहीं पानी का संकट बरकरार है।

इनका कहना है…
यह बात सही है कि डीपी खराब पड़ी है, किसानों की शिकायत आई है, यहां करीब 80 हजार रुपये का बकाया है, जल्द ही डीपी ठीक करा देंगे। बकायादारों को 10 फीसद राशि जमा कराना होगी।
अंकित पटेल, सहायक प्रबंधक मप्रमक्षेविविकं
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपकरणों की हालत खराब है। सरकार घटिया उपकरण लगा रही है, ओवरलोड होते ही उपकरण खराब हो जाते हैं। इस मामले में पूरी तरह सरकार और अधिकारी दोषी हैं, मूंग न बिकने के कारण किसान पैसा कहां से लाएंगे, पहले सप्लाई बहाल की जाना चाहिए।
बाबू चौधरी, किसान नेता

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AUTHORRohit

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