इटारसी। जीनियस प्लानेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल (Genius Planet Senior Secondary School) में प्रतिवर्ष जुलाई माह का अंतिम शनिवार फ्रूट एंड फ़ूड डे (Fruit And Food Day) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी आज जुलाई का अंतिम शनिवार फ्रूट एंड फ़ूड डे के रूप में मनाया। इसमें कक्षा नर्सरी (Nursery), के जी 1 व 2 तथा कक्षा पहली से 5 वी तक के बच्चों ने मौसम में उपलब्ध फल लेकर आये औऱ टीचर्स (Teachers) के साथ मिलकर फ्रूट सलाद (Fruit Salad) बनाया और पूरे स्कूल (School) ने मिलकर खाया।
कक्षा 6 वी से कक्षा 12 वी तक के बच्चों के लिए स्कूल ने फायर लेस कुकिंग कम्पटीशन (Fireless Cooking Competition) का आयोजन किया जिसमें स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। यह प्रतियोगिता दो भागो में आयोजित की गई। ग्रूप ए में कक्षा 8 वी से कक्षा 12 वी तक के बच्चों ने भाग लिया औऱ ग्रुप बी में कक्षा 6वी औऱ 7 वी के बच्चों ने भाग लिया। ग्रुप ए की प्रतियोगिता के निर्णायक गुंजन जैन, भारती चौकसे, आरती जायसवाल औऱ नितिका जैन ने रही औऱ ग्रुप बी का में निर्णायक मीना अग्रवाल, नीलम खंडेलवाल, अजीत तोमर, अनुराग दुबे औऱ शिवम् पांडेय थे। बच्चों द्वारा बनाई गई डिसेस (Dises) जैसे ब्रेड की रसमलाई (Bread Ki Rasmalai), ब्राउन ब्रेड के दही बड़े (Brown Bread Ke Dahi Bade), बिभिन्न प्रकार के सेंडविच (Sandwich), भेल (Bhel), ओरिओ बिस्किट से बने केक (Oreo Biscuit Cake), मोदक (Modak), कोल्ड कॉफी (Cold Coffee), फ्रूट चाट (Fruit Chaat) स्प्रेउट चार्ट (Sprout Chart), स्वीट कॉर्न (Sweet Corn) आदि की सभी ने प्रशंसा की। स्कूल संचालक मनीता सिद्दीकी ने सभी निर्णायकों को उनका बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद और पेरेंट्स (Parents) को भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने अपने बच्चों को इस प्रतियोगिता के लिए उन्हें तैयार किया।
प्राचार्य विशाल शुक्ला ने सभी बच्चों को उनके पार्टिसिपेशन (Participation) के लिए सराहा औऱ कहा की इस तरह पार्टिसिपेट करने से बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा बाहर आती हैं। संचालक जाफर सिद्दीकी ने बताया की नई शिक्षा नीति में बच्चों के अंदर स्किल डेवलपमेंट (Skill Development) को बढ़ावा देने की बात कही गई हैं लेकिन जीनियस प्लानेट स्कूल ने हमेशा ही बच्चों के एकेडमिक डेवलपमेंट (Academic Development) के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दिया है। इस प्रकार की प्रतियोगिता इसका सटीक उदाहरण हैं। इस संपूर्ण आयोजन में स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा।