गज़ल: इतनी बातें…

Post by: Poonam Soni

आ जाओ रूबरू करनी हैं दिल को इतनी बातें।
समझ नहीं पाते कैसे दिल में बसी हैं इतनी बातें ।।

कितने ही हैं अनकहे एहसास हमारे दिल में ,
अब कैसे लिख दें हम खत में इतनी बातें ।

कुछ सुलझा कुछ अनसुलझा इश्क का फ़साना ,
एक पहर से दूसरे तक जो चली हैं इतनी बातें ।

अब हो जाएं तुमसे मुसलसल कई मुलाकातें ,
किस तरह बयां हो पाएंगी , हैं इतनी बातें ।

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अदिति टंडन (Aditi Tandan)
आगरा

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