होशंगाबाद। यहां नर्मदा घाट पर चल रही रामलीला में आज अशोक वाटिका और लंका दहन का मंचन किया गया। आज की लीला में श्री हनुमान जी अशोक वाटिका पहुंच सीता जी को धैर्य दिलाते हैं कि श्रीराम जी शीघ्र ही रावण का वध करके आपको लिवाने आवेंगे। मां सीता जी से आज्ञा पाकर हनुमान जी अशोक वाटिका में वृक्षों पर लगे फलों को खाने के लिए पहुंचते हैं। पूरी वाटिका को तहस-नहस कर देते हैं।
रावण के पुत्र अक्षय कुमार को मार देते हैं, रावण उनकी पूंछ में आग लगवा देता है। श्री हनुमान जी अपनी जलती हुई पूंछ से पूरी लंका का दहन करके प्रभु श्री राम के पास वापस लौट आते हैं। प्रभु श्री राम जी लक्ष्मण जी सुग्रीव एवं जामवंत, वानर दल आदि के साथ विचार-विमर्श करके लंका कूच करने का निर्णय लेते हैं। समुद्र के तट पर भगवान रामेश्वरम शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शंकर का पूजन करते हैं। भगवान शंकर की पूजा की लीला के दृश्य में शिवलिंग में से साक्षात भगवान का प्राकृतिक बताया गया तत्पश्चात नल और नील के निर्देशन में समुद्र पर सेतु का निर्माण होता है। भगवान श्रीराम की से सेना लंका में पहुंचती है और प्रभु श्रीराम युवराज अंगद को रावण के पास चेतावनी देने के लिए पहुंचाते हैं ।
आगामी लीला में श्रीराम-रावण युद्ध प्रारंभ होगा जिसमें दशहरा मैदान में लक्ष्मण शक्ति की लीला की मैदानी प्रस्तुति की जावेगी। आज की लीला में श्रीराम की प्रद्युम्न दुबे, लक्ष्मण की अनिकेत दुबे, सीता की अक्षय मिश्रा, रावण की अभिषेक सैनी, विभीषण की विनोद परसाई, अंगद की मनोज दुबे, जामवंत की अरुण तिवारी, हनुमान की दीपेश व्यास, सुग्रीव की दीपक साहू, मेघनाद की प्रेम मांगरोल और समुद्र की मनोज परसाई ने भूमिका निभाई।