संगीतमय श्रीशिवमहापुराण का समापन आज, रुद्राक्ष का होगा वितरण
इटारसी। जब तक प्रभु की कृपा नहीं होती, तब तक हम धर्म, भक्ति की ओर जा नहीं सकते। देवादि देव की कृपा से ही हम ईश्वर की ओर जा रहे हैं। बाबा भोलेनाथ की चौखट पर जाने पर ही सुख, शांति की प्राप्ति होती है। उक्त उद्गार वृंदावन गार्डन में जारी संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा के छटवें दिन कथाव्यास पं अनिल मिश्रा ने व्यक्त किए।
आयोजक सेवन स्टार क्लब के जसबीर छाबड़ा ने बताया कि शनिवार को कथा का विश्राम दिवस है। छाबड़ा ने इस अवसर पर आयोजित भंडारे में अधिक से अधिक धर्मप्रेमी जनता को आमंत्रित किया है। साथ ही उन्होंने बताया कि कथा के समापन पर रुद्राक्ष का वितरण भी किया जाएगा। कथा स्थल पर शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग कथा श्रवण करने पहुंचे थे।
कथाव्यास पं मिश्रा ने कहा कि शंकर भगवान को करोड़ों की संपत्ति चढ़ाओगे वो स्वीकार नहीं करेंगे, पर एक बेलपत्र चढ़ाओगे वो स्वीकार कर लेंगे। एक बेलपत्र में सभी माताएं विराजमान हैं। यही शिव तत्व की महत्ता है। राजा राग देखता है, भगवान अनुराग देखते हैं, यही शिव गुण हैं।
भगवान शिव से, माता पिता से, गुरु से कभी ज्ञानी नहीं बनना। अपने कर्म से डरिये, क्योंकि कर्म का फल देवताओं को भी प्राप्त हुआ और हम सभी को प्राप्त होगा। हम भगवान, माता-पित, गुरु से बड़े नहीं हैं।
शिव भक्त का अपमान और उसके साथ किया गया छल बाबा सहन नहीं करते हैं। शिवालय, शिवतत्व के साथ शिवभक्तके साथ किया गया अच्छा व्यवहार भक्ति का प्रतीक हैं। इसके साथ ही उन्होनें भगवान शिव के विभिन्न अवतारो की कथा सुनाई।