कोरोना महामारी को नियंत्रित करने विजय अग्रवाल ने एसडीएम और सीएमओ इटारसी को एक पत्र लिखा। श्री अग्रवाल के अनुसार सबसे पहले आपके नेतृत्व में आपकी प्रशासनिक टीम, चिकित्सा अधिकारी गण, हेल्थ केयर वकर्स, नगर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी गण, जन अभियान परिषद एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम और मेहनत एवं आम नागरिकों की सजगता एवं सहयोग से कोरोना माहमारी के नियंत्रण में आने पर आपको और पुरी टीम को हार्दिक धन्यवाद।
पर खतरा अभी टला नही हैं, यह मानकर हमें पुरी सर्तकता बरतनी होगी की यह माहमारी हमारे नगर में पुनः अपने पैर न पसारे, उसका सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि बाजारों के खुलने पर भी मास्क पहनने व सेनेटाइजेशन एवं शारीरिक दूरी का विषेष ध्यान रखने के लिये जनता को प्रेरित किये जाते रहना, उसके लिये मेरे कुछ सुझाव निम्नानुसार हैं –
1. जिस तरह से बाजार में आवागमन रोकने के लिये बेरिकेटिंग की गई है, वेसी ही बेरिकेटिंग अब नगर में प्रवेश की सीमाओं पर की जाए, हर बाहर से आने वाले की टेस्टिन्ग व ट्रेसिंग हो, इन सीमाओं पर एक स्वास्थ्य कर्मचारी, एक नगरपालिका कर्मचारी, एक नगर सुरक्षा समिति सदस्य व एक पुलिस कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई जाये। इनके पास एक इन्फ्रारेड थर्मामीटर, एक पल्स ऑक्सीमीटर व कुछ एंटीजन टेस्ट किट हों। जिससे से नागरिकों की नगर की सीमाओं पर ही जांच कर यदि उनमें संक्रमण के लक्षण हो तो उन्हें सीधे शासकीय अस्पताल या कोविड सेंटर पहुचाने की उचित व्यवस्था हो।
2. टीकाकरण सेंटर्स पर मास्क एवं शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाए, इसके लिये जन अभियान परिषद व स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जा सकता है।
3. टीकाकरण के लिये आम जनों खासकर ग्रामीण क्षेत्र की जनता को प्रोत्साहित किया जाये एवं इस संबंध में उनके भ्रम को दूर किया जाये। कोविन पोर्टल पर वेक्सीनेशन के पंजीकरण में आ रही परेशानी को दूर करने में आम नागरिकों को तकनीकी सहयोग प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाना चाहिये।
4. जिस तरह से देश के चिकित्सा वैज्ञानिक तीसरी लहर आने और उससे बच्चों के संक्रतिे होने की आशका जता रहे हैं, उसको ध्यान में रखते हुये, नगर में समुचित प्रबंध चिकित्सकीय व प्रशासनिक स्तर पर किया जाना जनहित में होगा। इसके लिये अभी से आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को आवश्यक निर्देश व प्रशिक्षण दिया जाना चाहिये, जिससे एकदम से पैनिक सिचुएशन क्रियेट न हो।
5. महोदय, इस बीमारी से पीड़ित होने वाले लोगों को जिस तरह से निजी अस्पतालों में बिल को लेकर परेशान किया जा रहा हैं, उस पर भी प्रशासन को कार्यवाही करना चाहिये, एक निजी अस्पताल में एक ग्रामीण बुजुर्ग का इलाज आयुष्मान योजना के अंतर्गत न करना, शासन के नियमों के विरूद्ध हैं, उस पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाना चाहिये एवं आगे से किसी पीड़ित के साथ ऐसा न हो इसका भी उचित प्रबंध किया जाना चाहिये।
(विजय अग्रवाल)
आम नागरिक एवं स्वयंसेवक
पत्रकार नगर, इटारसी (म.प्र.)
M. 9425041948