इटारसी। तवानगर में झोलाछाप से उपचार करा रहे मरीज को दो इंजेक्शन के चौबीस घंटे के भीतर मरीज की जान चली गयी। परिजनों ने डाक्टर पर गलत उपचार से मरीज की जान जाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
तवानगर थाना प्रभारी सुनील घावरी के अनुसार मरीज को कोई बड़ी गंभीर बीमारी होने की बात सामने नहीं आयी है। उसे मामलू बीमारी होने पर परिजनों ने तवानगर के डॉक्टर दीपक यादव से उपचार कराया था। मरीज बीराम पिता विशन नागवंशी 45 वर्ष को झोलाछाप ने दो इंजेक्शन लगाये थे। बताया जाता है कि बलिराम नागवंशी ने घबराहट होने पर बुधवार शाम को तवानगर के डॉक्टर दीपक यादव से इलाज कराया था। रात में एवं सुबह इंजेक्शन लगाने के बाद दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो गयी। परिजनों की सूचना पर पुलिस ने किया मर्ग कायम। तवानगर थाना प्रभारी सुनील घावरी के अनुसार पीएम रिपोर्ट बिसरा रिपोर्ट के आधार पर जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।
लालचवश होते हैं मामले
बता दें कि ग्रामीण अंचलों में चिकित्सा व्यवस्था झोलाछापों के भरोसे है। ये झोलाछाप सर्दी-जुकाम के मरीजों का उपचार करते हैं और कई गंभीर प्रकार की बीमारी के मरीजों का उपचार भी लालचवश करते हैं, जबकि ऐसे मरीजों को इनको शहरों के बड़े डाक्टर के पास रैफर कर देना चाहिए। ऐसे झोलाछापों की हिम्मत और बढ़ती है, जब चिकित्सा विभाग भी ऐसे किसी झोला छाप पर कोई कार्रवाई नहीं करता है। लगभग हर गांव में ऐसे झोलाछाप मिल जाएंगे, लेकिन कभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी या विकासखंड चिकित्सा अधिकारी ने कभी जांच नहीं की, ऐसे में इनके संरक्षण में यह सब चलने का संदेह उत्पन्न होता है।