इटारसी। संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के सहयोग से साथी जनशिक्षण एवं संस्कृति समिति द्वारा चंद्रगुप्त मौर्य पर आधारित नाटक कौमुदी महोत्सव का आयोजन 31 मार्च रविवार को शाम 7 बजे से कविवर भवानी प्रसाद मिश्र संस्कृति भवन (ऑडिटोरियम) में होगा।
नाटक कौमुदी महोत्सव के लेखक डॉ. रामकुमार वर्मा हैं, परिकल्पना एवं निर्देशन रत्नेश साहू का है। साथी जनशिक्षण एवं संस्कृति समिति नर्मदापुरम ने नाट्य प्रेमियों से इस नाटक में आवश्यक रूप से शामिल होकर इसे देखने का अनुरोध किया है।
क्या है नाटक में….
रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित यह एकांकी भारतवर्ष के वैभवशाली साम्राज्य ईसा पूर्व 322 के समय पर आधारित है। जब आर्यावर्त पर नंद के शासन में आचार्य चाणक्य का अपमान नंद ने किया, जिसके प्रतिफल में आचार्य चाणक्य ने समस्त नंद वंश का विनाश कर संपूर्ण आर्यावर्त का सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य को बनाया और महामंत्री रहते हुए एक अत्यंत प्रभावशाली राज्य की स्थापना की। इस एकांकी में कुसुमपुर जो मौर्य साम्राज्य की राजधानी है उसमें कौमुदी महोत्सव मनाए जाने की घोषणा की जाती है। जिसकी सूचना चाणक्य को नहीं है, परंतु जैसे ही महामंत्री चाणक्य को महोत्सव के दौरान षड्यंत्र से चंद्रगुप्त को मारने की जानकारी मिलती है तो वे इस महोत्सव पर उसी समय रोक लगा देते हैं। जब चंद्रगुप्त को इस महोत्सव के न होने की ये सूचना मिलती है, कि चाणक्य द्वारा इस पर रोक लगाई गई है, तो वह चाणक्य पर क्रोधित होता है और आपसी विवाद होता है तब चाणक्य चंद्रगुप्त को बताते हैं, कि राजा नंद के राजमंत्री राक्षस का यह तुम्हें मार देने का प्रयोग है। नारी के रूप में एक भयानक सर्पिणि विषकन्या राजनर्तकी बनाकर भेजी गई है। राजमंत्री राक्षस ने कौमुदी महोत्सव का प्रस्ताव वसुगुप्त से कराकर असावधान चंद्रगुप्त को नष्ट करने की चाल सोची थी। समाहर्ता वसुगुप्त राक्षस का गुप्तचर था और राजनर्तकी अलका विषकन्या । उपरोक्त विषय पर आधारित एकांकी एक राजा को उसकी सत्ता में रहते हुए सावधानी और बुद्धिमानी से शासन करने तथा भोग विलास से दूर रहते हुए सैनिक की तरह विरोचित कार्य करने और राजसत्ता के काल में राजा के नीतिगत उचित आचरण और नैतिक मूल्यों को स्थापित करने का संदेश देती है।
ये हैं कलाकार
सम्राट चंद्रगुप्त अभिषेक सैनी, चाणक्य, अभिषेक पालीवाल, वसुगुप्त पवन पालीवाल, यशोवर्मन दीपक साहू, पुष्पदंत राजेन्द्र धनवारे, अलका राजनर्तकी वैष्णवी दुबे, नर्तकी तेजस्वी राजपूत व महक राजपूत, दौवारिक धर्मेन्द्र साहू, सैनिक एक ब्रजेश शर्मा, सैनिक दो राजीव मिश्रा, प्रकाश रत्नेश साहू हैं।
मंच निर्माण में
अभिषेक सैनी, पवन पालीवाल, वस्त्र विन्यास एवं रूपसज्जा में सोनाली साहू, अभिषेक सैनी, तेजस्वी राजपूत, मधु मिश्रा, गीत डॉ.जया नरगिस, गायन सुश्री रागिनी तरडे, संगीत स्व. श्रीमती जयश्री तरड़े एवं डॉ. जया नरगिस, हारमोनियम पर सुश्री रागिनी तरडे, ऑर्गन पर हितेश बस्तवार, ढोलक पर विजय बस्तवार, सहयोगी शीतल साहू, नीरज चौहान, सूरज दुबे, नीरज शुक्ला रहेंगे।