पत्र संपादक के नाम : न्यास कॉलोनी की समस्याओं का समाधान हो

पत्र संपादक के नाम : न्यास कॉलोनी की समस्याओं का समाधान हो

महोदय ,

न्यास कॉलोनी कभी शहर की पॉश कॉलोनी मानी जाती थी। कॉलेज के सामने स्थित इंदिरा कॉलोनी और प्रियदर्शिनी कॉलोनी को मिला दिया जाए तो न्यास कॉलोनी का स्वरूप सामने आता है। कितने ही नगर सुधार अध्यक्ष और कितने ही नगरपालिका अध्यक्ष आए और गए मगर किसी ने भी कॉलोनी की सुध नहीं ली। जो पार्षद चुनाव जीते वे मिट्टी के माधव साबित हुए । जो चुनाव हार गए उन्होंने पलटकर नहीं देखा। इसे बेशर्मी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे। पहले विकास समिति बनी। अब मोहल्ला सुधार समिति । स्थिति जस की तस है। मोहल्ला सुधार समिति में गिने चुने चार लोग हैं जिन्हें केवल अपनी समस्याओं से मतलब रहता है। खुद के सामने की सड़क बनवा ली। बस। हो गए फुर्सत।ये बस झंडा वंदन के समय इकट्ठा हो जाते हैं। इस बार 15 अगस्त को तो वह भी नहीं हुआ। समाचार पत्रों से मालूम पड़ा कि पिछले दिनों नगरपालिका अध्यक्ष ने पार्षद पति के साथ कॉलोनी का औपचारिक भ्रमण किया। मौके पर मोहल्ला सुधार समिति के नाममात्र सदस्य उपस्थित रहे। पूर्ववर्ती अध्यक्षों की तरह नव निर्वाचित अध्यक्ष भी हमेशा की तरह आश्वासनों का झुनझुना पकड़ाकर चले गए। अध्यक्ष महोदय पिछले चालीस वर्षों से हम बेवकूफ बनते चले आ रहे हैं। सब ने हमें ठगा। इधर हम हैं कि कबीर दास जी की चौपाई याद करते रह गए । कबीरा आप ठगाईये और न ठगिये कोय । अब आप प्रगट हो गए। यहां तो समस्याओं की लंबी फेहरिस्त है। सबसे पहले तो मकान नम्बरों का ही पता नहीं है । बाहरी आदमी ढूंढता रह जाता है। वह बताए पते पर नहीं पहुंच पाता। अंततः थकहार कर वापस लौट जाता है। पोस्टमैन और कुरियर वालों की भी कमोबेश यही समस्या है। नगरपालिका के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री प्रकाशवल्लभ सोनी स्मृति उद्यान का नामो निशान मिटा दिया गया। अब सिर्फ उनकी स्मृति में बना उद्यान भर रह गया है। रामलला के मंदिर के ताले खुल गए मगर पार्क के गेट पर लगे ताले अब तक नहीं खुल पाए हैं। छोटे छोटे बच्चों को बड़े बड़े गेट कूदकर पार्क में प्रवेश करना पड़ता है। पार्क की जगह पर अतिक्रमण कर बनाये गए मंदिर के पास लगा एक बड़ा सा शीशम का पेड़ पार्क की बाउंड्री वाल की ग्रिल पर औंधा पड़ा है जो कभी भी आने जाने वाले राहगीरों या भक्तों पर गिर सकता है । पार्क में स्थित पानी की टँकी की सालों सफाई नहीं होती। न ही इस उद्यान में बिजली की कोई व्यवस्था है । पार्क के सामने स्थित एल आई जी 77 से 90 पर लगे बिजली के पोल भी अंधेरे में डूबे हुए हैं । न्यास कॉलोनी में खेल के मैदानों के लिये छोड़ी गई जगह पर या तो दुकानें बन गई है या मंदिर बन गए हैं। नगर सुधार न्यास / नगरपालिका के सख्त निर्देशों के बाद भी न्यास कॉलोनी के आवासों का व्यवसायिक उपयोग खुलेआम हो रहा है। कहीं बैंक खुल गया है तो कहीं शॉपिंग मॉल बन गए हैं। हॉस्पिटल भी बैखोफ चल रहे हैं। नगर पालिका को चाहिए कि वह व्यवसायिक उपयोग के एवज में मकान मालिकों से अतिरिक्त शुल्क वसूले। इससे खस्ता नगरपालिका की आय में भी बढ़ोतरी होगी। रही बात मंदिरों की तो वो कोई माई का लाल नहीं हटा सकता। हमारा निशाना के संपादक सुधांशु मिश्र के निवास के सामने स्थित खेल के मैदान पर बने नगरपालिका वाचनालय में भी ताला लगा रहता है। एल आई जी 77 से 90 के सामने की सड़क की तरह कॉलोनी की अन्य सड़कें भी अब तक अधूरी बनी पड़ी हैं। एल आई जी 77 से 104 के बीच की नाली डैमेज होने के कारण बारिश में जैसे ही घरों में पानी भरता है पार्षद फोन का स्विच ऑफ कर लेते हैं। मुश्किल तो तब बढ़ती है जब पीछे की लाइन से सीवर का गंदा पानी किचन तक पहुंच जाता है । बार-बार अध्यक्ष महोदय तथा पार्षद पति द्वारा कॉलोनी के रहवासियों को समझाईश दी जा रही है कि सीवर लाइन पर किए गए अतिक्रमण को हटाकर इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जायेगा। बहुत अच्छी बात है। बेहतर होगा कि इसकी शुरुआत एच आई जी व एम आई जी से की जाए । अंत में ई डब्लू एस पर आईयेगा क्योंकि उनमें निम्न आय वर्ग के लोग निवास करते हैं । रही बात एल आई जी की तो उसमें तो मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं । फिर भी यदि नगरपालिका ने एल आई जी आवासों को टारगेट बना ही लिया है तो वे सीवर लाइन दुरुस्त करने की शुरुआत् न्यास कॉलोनी की पहली लाइन से करें। अर्थात क्रम से करें। वैसे भी उच्च आय वर्ग और निम्न आय वर्ग के बीच एल आई जी अपनी हैसियत खो बैठे हैं । ऊपर से महंगाई की मार। त्राहिमाम। त्राहिमाम।

vinod kushwah

विनोद कुशवाहा
एल आई जी / 85
प्रियदर्शिनी कॉलोनी
इटारसी .
96445 43026

Royal
CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!