- – बादल गरजे, बिजली चमके, नहीं खड़े होना पेड़ के पास
- – कलेक्टर के मार्गदर्शन में आपदा प्रबंधन अंतर्गत कार्यक्रम
- – विद्या विज्ञान के अंतर्गत बच्चों ने समझा बिजली का विज्ञान
इटारसी। बादल गरजे, बिजली चमके, नहीं खड़े होना पेड़ के पास, बात यह खास रखना है याद। इस तरह का गीतमय संदेश बच्चों ने सुना, गाया और प्रयोग करके समझा। यह सब कुछ हुआ नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारका सारिका घारू द्वारा स्वयं के व्यय पर बनाई गई हायर सैकंड्री स्कूल सांडिया की विज्ञान प्रयोग शाला में।
यह कार्यक्रम नर्मदापुरम कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मार्गदर्शन में आपदा प्रबंधन के अंतर्गत किया गया। विद्या विज्ञान के अंतर्गत आपदा प्रबंधन के आयोजित कार्यक्रम में सारिका ने बताया कि बरसात के इन दिनों में आकाशीय बिजली के गिरने से नुकसान की खबरें आती रहती हैं। पेड़ के नीचे खड़े रहने वाले अक्सर इसके शिकार होते हैं। चूंकि बिजली किसी सहारे से पृथ्वी तक पहुंचना चाहती है, इस कारण बिजली पेड़ों की तरफ आकर्षित होती है । आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय बताते हुये सारिका ने कहा कि बिजली चमकते समय वृक्ष के नीचे न खड़े हों।
किसी मकान में आश्रय ले सकते है। अगर बंद वाहन में यात्रा कर रहे हैं तो वाहन के अंदर ही रहें। खुली छत वाले वाहन में यात्रा न करें। बिजली या अन्य धातु के खंभे से दूर रहें। घर में रहते हुये बिजली के उपकरणों से दूर रहें। खिड़कियां एवं दरवाजे बंद रखें। घर की पाइप लाइन अगर धातु की है, तो नल आदि से दूर रहें। सारिका ने बताया कि बिजली गिरने की घटना के समय बिजली एक अरब वोल्ट तक हो सकती है। इसमें कुछ हजार से लेकर दो लाख एम्पीयर तक धारा प्रवाह हो सकता है। इस समय इसका ताप सूर्य के सतही ताप से लगभग 4 गुना अधिक तक हो सकता है। सारिका द्वारा आदिवासी क्षेत्रों जहां बच्चे दूर से आना जाना करते हैं वहां भी यह कार्यक्रम प्रयोग के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। तो रखना है यह याद, बिजली की है दोस्ती ऊंचे पेड़ों के साथ।