इटारसी। सांसद उदय प्रताप सिंह (MP Uday Pratap Singh) ने आज शून्यकाल (zero hour) के दौरान सरकार का ध्यान चिकित्सा संबंधी एक महत्वपूर्ण विषय की ओर आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन से पता चला कि हमारे देश में हर साल अंग विफलता (अंगों का कार्य न करना) अंगों की उपलब्धता की कमी के चलते हजारों-लाखों लोगों की मौत हो जाती है। हमारे सभी बड़े अस्पतालों (hospitals) में वेंटीलेटर (ventilator) पर ब्रेन डेड (brain dead) मरीज अक्सर मिलते हैं, समझ में आने वाले कारणों में चिकित्सक मरीजों की ब्रेन डेथ के बारे में खुलासा करने से हिचकिचाते हैं और अंगदान के लिये परिजनों को प्रेरित करने में बहुत असहज महसूस करते हैं।
यदि सरकार ब्रेन डेथ के संदेह के बारे में कोई स्वास्थ्य प्राधिकरण बनाता है, तब वह प्राधिकरण रोगी को निरीक्षण करने के लिए डॉक्टरों (doctors) की टीम (team) को सक्रिय रूप से भेजेगा और फिर ये अधिकारी परिजनों को स्थिति के बारे में सुझाव दे सकते हैं और अंगदान के लिए उन्हें संवेदनशील बना सकते हैं। यह ऐसे रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सकों की परेशानी को कम करेगा और परिजनों को निर्णय लेने के लिए तैयार करेगा और साथ ही यदि वे सहमत हैं तो अंग दान के लिए तैयार हो सकते हैं और उनका यह निर्णय बहुत से मरने वाले व्यक्तियों की मदद करेगा, हमारे देश पर अधिक भार को भी कम करेगा एवं किडनी-लीवर (kidney-liver) जैसे अंगों का समय पर दूसरे व्यक्तियों को अंग प्रत्यारोपण का लाभ भी मिल सकता है।
सांसद श्री सिंह ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर देहदान, अंगदान को बढ़ावा देने के लिए जागरुकता अभियान चलाये और ब्रेन डेड की स्थिति में जनमानस के लिए यह समय शव दान-अंगदान की बारीकियों से अवगत कराने का है, ताकि लाखों लोगों को नया जीवन प्रदान किया जा सके।