इटारसी। शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri) के नौ दिनों तक लगातार मां भगवाती (Maa Bhagwati) की उपासना के बाद मां की विदाई का सिलसिला दो दिन तक चला। नगर के लोगों ने नम आंखों से भवतारिणी को विदाई दी। अलग-अलग दुर्गा उत्सव (Durga Utsav samiti) समितियों ने मां दुर्गा, काली, भोलेनाथ, साईंबाबा की मूर्ति विसर्जित की। भक्तों के मन में विश्वास है कि मां इस महामारी का खात्मा जल्द करेंगी और अगले साल पुन: आएंगी, तब सेवा में कोई कमी बाकी नहीं रखेंगे।
तरुण उत्सव समिति (Tarun Utsav Samiti) मालवीयगंज के सदस्यों ने दोपहर बाद मां की आरती की और फिर करीब एक घंटे ढोल की थाप पर नृत्य किया। मां को उनके धाम भेजने की खुशी थी तो उनसे लगातार नौ दिन की सेवा से बने लगाव और फिर उनकी विदाई की बेला ने भावुक भी कर दिया था। समिति के सदस्यों ने कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए पथरोटा स्थित जलस्रोत में मां की प्रतिमा का विसर्जन किया।
इसी तरह से शहर की अधिकांश उत्सव समितियों ने भी स्थापना स्थल पर ही ढोल की थाप पर नृत्य किया और मां से अगले वर्ष पुन: सेवा का अवसर देने की प्रार्थना के साथ उनको भावपूर्ण विदाई दी। कोरोना की गाइड लाइन के कारण इस वर्ष किसी प्रकार का विसर्जन (Visarjan) जुलूस निकालने में अधिकांश समितियों ने परहेज किया तो कुछ समितियों ने कुछ कदम चल समारोह भी निकाला, लेकिन केवल समिति के सीमित सदस्यों के साथ। मोहल्लों की सीमा से बाहर चल समारोह नहीं निकाले गये।