प्राकृतिक, जैविक खेती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं योगाहार उत्सव मना

प्राकृतिक, जैविक खेती पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं योगाहार उत्सव मना

इटारसी। 525 वे स्वैच्छिक योगाहार उत्सव (Yogahar Festival) के उपलक्ष में प्राकृतिक, जैविक खेती (Natural, Organic Farming) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी (National Seminar) हुई।
संगोष्ठी में नर्मदापुरम (Narmadapuram) के कृषक एवं स्वैच्छिक योगाहार परिवार द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी में देश के कई राज्यों जैसे मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), बिहार (Bihar), झारखण्ड (Jharkhand) तथा उत्तराखंड (Uttarakhand) से किसान प्रतिनिधि, उपभोक्ता, वैज्ञानिक, योग शिक्षक, विभिन्न सामाजिक एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय गणमान्य नागरिक, प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। उद्घाटन सत्र में योगाहार यात्रा पर जानकारी दी गईं। स्वामी परमार्थ देव (Swami Parmarth Dev), स्वामी ऋतस्पति (Swami Ritaspati), आर्र्ष गुरुकुलम (Arsh Gurukulam), नर्मदापुरम (Narmadapuram), इटारसी नगर पालिका (Itarsi Municipality) के अध्यक्ष पंकज चौरे एवं आयोजकों ने वेद मंत्रों के साथ दीप प्रज्वलित किया। साथ ही किसान एवं उपभोक्ताओं को जैविक शपथ दिलाई।
स्वामी परमार्थ देव ने उपस्थित सभी किसानों और स्वैछिक योगाहार टीम को बधाई देते हुये कहा, भारत कृषि प्रधान देश है। अब समय आ गया है कि किसान रसायनिक खादों की जगह प्राकृतिक खादों, गोबर व गोमूत्र से बनी जैविक खादों का प्रयोग कर धरती-माटी-फसल और मनुष्य को स्वस्थ तथा समृद्ध बनाया जाए। आचार्य बालकृष्ण ने कृषकों को गूगल लिंक के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग के साथ-2 आहार का शुद्ध होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि स्वैछिक योगाहार की टीम देशभर मे समग्र स्वास्थ्य के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है।

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AUTHORRohit

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