सोयी पंचायत को जगाने, पूर्व पंच ने बजाया ढोल

Post by: Rohit Nage

पंचायत सचिव ने कहा, यह केवल राजनीतिक विरोध
इटारसी। वक्त पर सरकारी कार्यालय न खुलें, लोग परेशान होते रहें और इसके बाद भी किसी को परवाह न हो तो उसे सोयी व्यवस्था कह सकते हैं। ऐसे ही एक सोयी पंचायत को जगाने आज सुबह उसी पंचायत के पूर्व पंच ने पंचायत भवन के सामने ढोल बजाकर प्रदर्शन किया। मामला शहर से सटी ग्राम पंचायत मेहरागांव का है। जब शहर के समीप ही पंचायत के कर्ताधर्ता इतने बेखौफ हैं तो दूरस्थ पंचायतों के क्या कहने।
ग्राम पंचायत मेहरागांव (Mehragaon) के भवन के सामने पूर्व पंच शेख फारूख (Sheikh Farooq) ने ढोल बजाकर प्रदर्शन किया। दरअसल, सुबह 11 बजे तक यहां ताला नहीं खुला था और कुछ रेलवे कर्मचारी यहां काम से आये थे। ताला नहीं खुलने पर उन्होंने पंच शेख फारूख को टेलीफोनिक (Telephonic) खबर की। पूर्व पंच ने आकर पंचायत के कर्ताधर्ताओं को जगाने यहां ढोल बजाकर प्रदर्शन किया। शेख फारूख का कहना है कि यह आज एक दिन की बात नहीं, ज्यादातर यहां समय पर पंचायत भवन नहीं खुलता है और लोग परेशान होते रहते हैं। पंचायत सचिव और सरपंच किसी भी काम को एकदूसरे पर डालकर लोगों का काम नहीं करते हैं।

पंचायत सचिव का ये कहना

पंचायत सचिव अखिलेश सोलंकी ( Akhilesh Solanki) ने इसे महज एक राजनीतिक विरोध बताया। उनका कहना है कि आज पांच-दस मिनट की देरी हो गयी होगी। लेकिन, यह जो विरोध है, वह पूरी तरह से राजनीतिक है। वे वार्ड मेंबर रहे हैं, उनकी कोई नाली की समस्या है जिसको लेकर सरपंच और उनके बीच टकराव है। इसी बात को लेकर उनका कल मेरे पास फोन भी आया था और उन्होंने फोन पर कहा भी था कि सरपंच मेरा फोन नहीं उठा रहे हैं, मैं कल देख लूंगा। आज उन्होंने इस तरह का प्रदर्शन किया। यह केवल राजनीति विरोध है। पंचायत रोज समय पर खुलती है।

इनका कहना है…
पंचायत में समय पर कार्य नहीं होने और सभी कार्यों के लिए सचिव अखिलेश सोलंकी द्वारा सरपंच का नाम लेकर टाल देने पर आज ढोल बजाकर पंचायत को जगाने का प्रयास किया है कि अब आपको ये ढोल की आवाज सुनाई दे रही है, तो समझ जाओ और पंचायत को समय पर खोले तथा अब किसी भी कार्य के लिए व्यक्तियों को टाले नहीं। ये चेतावनी पंचायत सचिव को हमने दी है।
शेख फारुख, पूर्व पंच

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