चुनावी राज्यों में एनपीएस के विरोध में जाएंगे रेलकर्मी

Post by: Rohit Nage

Updated on:

इटारसी। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन से जुड़े रेलकर्मी चुनाव वाले राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग लेकर जाएंगे और उन राज्यों के मतदाताओं को जागरुक करेंगे कि जो भी सरकार पुरानी पेंशन बहाली को तैयार हो, उसे अपना वोट करें। कोई भी सरकार चाहे वह हड़ताल से न डरे, वोट की चोट से अवश्य डरती है। यह हमने किसानों के आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के चुनावों में देख लिया।
यह बात ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने यहां सतपुड़ा रेस्ट हाउस 12 बंगला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियाकर्मियों से कही। वे यहां वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के युवा सम्मेलन में शामिल होने आये थे। इस अवसर पर वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के भोपाल मंडल अध्यक्ष टीके गौतम, जबलपुर जोन के महामंत्री मुकेश गालव, फिलिप ओमन, केके शुक्ला, प्रीतम तिवारी सहित यूनियन से जुड़े अन्य कर्मचारी नेता भी मौजूद रहे।
श्री मिश्रा ने कहा कि ओल्ड पेंशन खत्म करके न्यू पेंशन स्कीम लागू की और हमारे बुढ़ापे का सहारा छीन लिया। हम राज्यों के कर्मचारी संगठनों के साथ चुनावी राज्यों में जाकर वोटर से निवेदन करेंगे कि जिन्होंने बुढ़ापे का सहारा छीन लिया है, उनको वोट न करें बल्कि जो पुरानी पेंशन बहाली का वादा करे, उनको अपना वोट दें। कर्मचारी गांव-गांव जाकर यह प्रचार करेंगे कि बुढ़ापे का सहारा छीनने वाली सरकारों से कोई उम्मीद न रखें। हमारा यह प्रचार पूरी तरह से गैर राजनीतिक होगा, जहां भी जो सरकार है, वह किसी भी दल की हो, हमें पुरानी पेंशन बहाली जो करेगा, उसे समर्थन मिलेगा।
श्री मिश्रा ने कहा कि हम निजीकरण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। हमने सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का भी विरोध किया था। आयु सीमा बढ़ाने से नये लड़कों को अवसर नहीं मिलते हैं। बावजूद इसके सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु सीमा हमसे सहमति लिये बिना बढ़ा दी।

Leave a Comment

error: Content is protected !!