इटारसी। खेतों में पक चुकी धान पर रविवार की शाम को आयी तेज आंधी ने पानी फेर दिया। फसल पूरी तरह से आड़ी हो गयी और खेत लबालब हो गये। किसानों के अनुसार करीब पचास से साठ फीसद फसल आड़ी हो गयी और उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। किसानों ने प्रशासन से आरबीसी 6 (4) के अंतर्गत जल्द सर्वे कराने की मांग की है ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके। इटारसी (Itarsi) तहसील में रविवार की शाम केवल डेढ़ घंटे में जितनी वर्षा हुई है, वह रिकार्ड वर्षा है। अब तक एक दिन में इतनी वर्षा तहसील में नहीं हुई है। इटारसी तहसील में रविवार की शाम को 60.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई है जो इस सीजन का अब तक का रिकार्ड है।
रविवार की शाम करीब 5 बजे तेज आंधी के साथ आयी बारिश ने खेतों में खड़ी फसल को बिछा दिया है। रामपुर सर्किल, (Rampur Circle) जमानी (Zamani) और आसपास के गांवों के किसानों की हजारों एकड़ में खड़ी धान की फसल आड़ी हो गयी है। किसानों का कहना है कि सबसे अधिक नुकसान धान की पक चुकी फसलों को हुआ है। अब इसमें दाना काला पडऩे और कमजोर होने से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है साथ ही एफएक्यू क्वालिटी (FAQ Quality) की परेशानी भी किसानों को उठानी पड़ सकती है। किसान संघ की मांग है कि प्रशासन को जल्द सर्वे कराना चाहिए।
सैंकड़ों एकड़ में फसल आड़ी
ग्राम जमानी सर्किल में सैंकड़ों एकड़ में खड़ी फसल आड़ी हो गयी। उन्नत कृषक हेमंत दुबे (Hemant Dubey) कहते हैं कि यदि एक बार और प्रकृति ने यही रूप दिखाया तो किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ सकता है। अभी नुकसान का सही आकलन नहीं कर सकते, उत्पादन के बाद सही अनुमान लगेगा। उनका मानना है कि करीब 150 एकड़ में फसल आड़ी हुई है।
रामपुर सर्किल में भी नुकसान
ग्राम रामपुर के किसान सौरभ तिवारी (Saurabh Tiwari) ने बताया कि रामपुर और आसपास के दो दर्जन से अधिक गांवों में कमोवेश यही हालात हैं। यहां करीब 70 फीसद फसल हवा से आड़ी हो गयी और पानी इतना तेज था कि कुछ ही देर की बारिश में खेत तालाब बन गये। यहां रामपुर ( Rupapur), पाहनवर्री (Pahanwari) के बीच खेतों में, रूपापुर, सोनतलाई (Sontalai ) आदि में भी बारिश और आंधी ने काफी नुकसान किया है।
जल्द ही सर्वे कराना चाहिए
भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता रजत दुबे (Rajat Dubey) ने कहा कि नुकसानी का आकलन तो सर्वे के बाद ही पता चलेगा। अंदाजा नहीं लगा सकते, फिलहाल यही कहेंगे कि आंधी-पानी से धान की पकी फसल को नुकसान हुआ है। धान चूंकि अधिसूचित फसल नहीं है, अत: बीमा क्लेम (Insurance Claim) नहीं मिल सकेगा। लेकिन, प्रशासन को आरबीसी 6-4 (RBC 6-4) के अंतर्गत जल्द सर्वे कराना चाहिए।