इटारसी। अखिल भारती साहित्य परिषद नर्मदापुरम संभाग (All India Sahitya Parishad Narmadapuram Division) होशंगाबाद द्वारा 16 से 30 सितंबर 2021 के मध्य संपन्न रंगमंच कार्यशाला में तैयार दो नाटकों ‘रसिक संपादक’ (‘Rasik Editor’) एवं ‘भये प्रगट कृपाला’ के प्रर्दशन के पूर्व पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ रंगकर्मियों एवं एक प्रशिक्षार्थी ने अपने अनुभव शेयर किये। रंगकर्मियों के मार्गदर्शन में तैयार नूतन कलाकारों को लेकर इस दौरान दो नाटक तैयार किये हैं, जिनका मंचन 3 एवं 4 अक्टूबर को कवि भवानीप्रसाद मिश्र संस्कृति भवन में होगा। पत्रकार वार्ता में हास्य व्यंग्यकार भगवान दास बेधड़क भी मौजूद रहे।
कार्यशाला संचालक बीके पटेल ने बताया कि ‘रसिक संपादक’ नाटक प्रदर्शन 3 अक्टूबर को निर्देशक वरिष्ठ रंगकर्मी कर्मवीर सिंह एवं भये प्रगट कृपाला नाटक प्रदर्शन 4 अक्टूबर को निर्देशक सरताज सिंह चौहान का रहेगा। इस दौरान मीडिया के समक्ष शार्ट फिल्म निर्देशक व बेव सीरीज/सीरियल कलाकार राकेश अहिरवार के रंगकर्म के क्षेत्र में दिये योगदान को विस्तार से बताया।
वरिष्ठ रंगकर्मी/निर्देशक कर्मवीर सिंह ने कहा कि रसिक संपादक, मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा मूल कहानी का नाट्य रूपांतरण है। नाटक के माध्यम से बताया है कि व्यक्ति जब बड़े पद पर पहुंच जाता है तो रसिक हो जाता है, कार्यशाला के बच्चे मंच पर इसे प्रदॢशत करने जा रहे हैं। वरिष्ठ रंगकर्मी/निर्देशक सरताज सिंह चौहान ने बताया कि नाटक ‘भये प्रगट कृपाला’ जिसका मंचन भोपाल एवं पिपरिया में हो चुका है। इसके बारे में कहा कि नाटक में समाज की विसंगतियों पर कटाक्ष किया है। जगह-जगह मंदिर बनाए गए हैं लेकिन उनकी सुरक्षा एवं पूजा पाठ की व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं है।
राकेश अहिरवार ने प्रशिक्षार्थी बच्चों की लगन की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में इन बच्चों के साथ काम करते रहने की बात कही। कार्यशाला संयोजक राजकुमार दुबे ने कहा कि आने वाले समय में इस रंगकर्म कार्यशाला से प्रशिक्षित हुए बच्चों की मदद से शहर की शालाओं में अध्ययन करने वाले बच्चे बच्चियों को रंगकर्म में दक्ष बनाने की छोटी-छोटी कार्यशाला आयोजित की जाएगी ताकि शहर को रंगकर्म के क्षेत्र में नई पहचान मिल सके। पत्रकार वार्ता में वर्धा महाराष्ट्र से शामिल होने आए प्रशिक्षार्थी प्रणय रोड़े ने कहा कि मैं जूनियर आर्टिस्ट के रूप में फिल्मों में काम कर चुका हूं लेकिन अभिनय एवं संवाद को प्रभावी बनाने के गुर यहां की कार्यशाला में सीखने को मिले इसके लिए हम आयोजकों के आभारी हैं।