इटारसी। रेलवे ने आज पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक के आने के पूर्व जीआरपी थाने के सामने अनाधिकृत खड़े वाहनों पर जुर्माने की कार्रवाई की है। स्टेशन प्रबंधक डीएस चौहान के नेतृत्व में वाणिज्य विभाग ने अनाधिकृत वाहन पार्किंग पर जुर्माना किया।
आज पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता शाम 6 बजे इटारसी आ रहे हैं। वे यहां निरीक्षण करेंगे। उनके आने से पूर्व रेलवे के स्थानीय प्रबंधन ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने कड़े कदम उठाये हैं। जीआरपी थाने के सामने अनाधिकृत पार्किंग में खड़े वाहनों को हटवाया और सात वाहन चालकों पर करीब 19 सौ रुपए का जुर्माना किया है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन पर पूर्वी गेट तरफ वाहन पार्किंग के लिए स्टैंड बना हुआ है। हर रोज दर्जनों वाहन जीआरपी के सामने खाली स्थान पर अपने वाहन खड़े करके घंटों नदारद रहते हैं, जिससे न सिर्फ आवागमन प्रभावित होता है, बल्कि रेलवे स्टेशन आने वाले यात्रियों को भी परेशानी होती है। आज जीएम के आगमन से पूर्व स्थानीय प्रबंधन ने इन वाहनों को यहां से हटा दिया, क्योंकि यह अनाधिकृत पार्किंग है।
रेल राजस्व को नुकसान
वाहनों को अधिकृत वाहन स्टैंड पर ही खड़ा करके कोई भी रेलवे स्टेशन के भीतर जा सकता है। लेकिन लोग पैसा बचाने के लिए इस रिक्त भूमि पर घंटों अपने वाहन खड़े करके चले जाते हैं। इनसे कोई कुछ नहीं कहता। यह स्थान चार पहिया वाहनों के लिए सुरक्षित है। कोई भी यात्री यदि चार पहिया वाहन से आता है तो वाहन चालक उसे इस स्थान पर उतारकर वापस जाएगा, चार पहिया वाहन भी यहां अधिक देर खड़ा नहीं किया जा सकता है।
नाका भी गलत लगा है
बता दें कि जीआरपी तरफ रेलवे स्टेशन का जो पश्चिमी द्वार है, वहां एक नाका लगाया गया है, जो कि गलत लगा है। यात्रियों को लाने वाले वाहनों को गेट से थोड़ा आगे जाकर नाका पर रुकना होता है, जबकि वाहन को भीतर ले जाया जा सकता है। इस तरफ लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा है, अत: यात्री इसी तरफ से रेलवे स्टेशन में प्रवेश करते हैं, लेकिन यहां दुपहिया वाहनों की बहुसंख्या परेशानी का सबब बनी रहती है। जीएम के आने से पूर्व जो कार्रवाई की गई है, ऐसी कार्रवाई यदि निरंतर हो तो यात्रियों को आसानी होगी।
रेलकर्मियों और वेंडर्स के वाहन
सूत्र बताते हैं कि इस स्थान पर ज्यादातर वाहन रेलवे कर्मचारियों और वेंडर्स के ही होते हैं। यात्री यहां वाहन नहीं लगाते हैं। ऐसे में रेलवे को अपने ही कर्मचारियों पर अंकुश लगाना चाहिए तथा वेंडर्स पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन अधिकारी भी इसलिए ध्यान नहीं दे रहे हैं क्योंकि रेलवे के कर्मचारियों पर कार्रवाई करने से वे परहेज करते रहे हैं। यदि स्थानीय प्रबंधन सख्त रवैया अपना ले तो रेलवे के कर्मचारी और वेंडर्स के वाहन यहां खड़े होने से रोका जा सकता है।