विज्ञान शिक्षा को रूचिकर बनाने विद्या विज्ञान प्रयोगशाला एक प्रेरणास्पद कदम : धनराजू

विज्ञान शिक्षा को रूचिकर बनाने विद्या विज्ञान प्रयोगशाला एक प्रेरणास्पद कदम : धनराजू

इटारसी। जिज्ञासा और सीखने के लिये जुनून पैदा करने में उन्नत यंत्रों के साथ बाल मनोविज्ञान के अनुसार परिवेश का बहुत महत्व है। विज्ञान शिक्षा को रूचिकर बनाने में विद्याविज्ञान प्रयोगशाला (Vidyavigyan Laboratory) एक उत्तम उदाहरण के रूप में है। यह बच्चों में जिज्ञासा की भावना और गहन प्रश्नों के उत्तर खोजने की उत्सुकता पैदा करने मे सहायक होगी।

यह बात राज्य शिक्षा केंद्र के डायरेक्टर धनराजू एस. (Dhanaraju S) ने सारिका घारू (Sarika Gharu) द्वारा स्वयं के प्रयास से सुसज्जित एवं निर्मित नवीन प्रयोगशाला के बारे में कही। राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल (State Education Center Bhopal) में इसके बारे में जानकारी को जारी करते हुये शीघ्र ही व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर इसके अवलोकन करने की बात कही। नेशनल अवार्ड (National Award) प्राप्त सारिका घारू द्वारा नर्मदापुरम जिले (Narmadapuram District) के हायर सैकंड्री स्कूल सांडिया (Sandia) में हाईस्कूल स्तर तक के विज्ञान पर आधारित नवीन प्रयोगशाला को बनाया गया है।

सारिका ने बताया कि इसका नामकरण अपनी स्वर्गीय मां श्रीमती विद्याबाई (Smt. Vidyabai) के आधुनिक वैज्ञानिक सोच को देखते हुये उनके नाम पर विद्याविज्ञान किया गया है। मिनी साइंस सेंटर के रूप में इसमें आधुनिक प्रयोगसामग्री एवं पोस्टर का रखा गया है। इसमें भारतीय तथा अन्य वैज्ञानिकों के जीवन को भी प्रदर्शित किया गया है।

35 बाई 20 फीट के हॉल में भारत (India) के विभिन्न साइंस सेंटर से आधुनिक प्रयोग सामग्री को बुलाकर इसमें रखा गया है। स्वयं के पूर्ण व्यय पर सुसज्जित एवं निर्मित इस प्रयोगशाला में भौतिकी, रसायन, पर्यावरण एवं जीव-विज्ञान के साथ ही खगोल विज्ञान से संबंधित प्रयोग सामग्री को प्रदर्शित किया गया है।

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AUTHORRohit

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