इटारसी। ग्रीष्मकालीन फसल मूंग की सिंचाई के लिए नहरों में 30 मार्च से पानी छोड़ा जाएगा। पहले यह तारीख 30 अप्रैल दी थी। देर रात जिला प्रशासन के जनसंपर्क विभाग ने अपनी गलती को ठीक किया और दूसरा संशोधित प्रेस नोट जारी कर 30 मार्च तिथि बतायी। आश्चर्य इस बात का है कि पहले जारी प्रेस नोट में एक जगह नहीं बल्कि तीन जगह 30 अप्रैल लिखा था। हालांकि देर रात इसे संशोधित कर 30 मार्च किया गया है।
गौरतलब है कि ग्रीष्मकालीन मूंग फसलों की सिंचाई हेतु कमांड क्षेत्र अंतर्गत नर्मदा पुरम के 43, 610 हेक्टेयर क्षेत्र में नहरों से सिंचाई होना है। तवा बाईं तट मुख्य नहर से लगातार 60 दिन तक एवं तवा दाईं तट मुख्य नहर से 48 दिवस तक पानी दिया जाएगा। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक में सर्वसम्मति से उक्त निर्णय हुआ। जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टर सोनिया मीना की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष राधाबाई, जनप्रतिनिधि पीयूष शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोजान सिंह रावत, अपर कलेक्टर देवेंद्र सिंह, जल संसाधन विभाग के अधिकारीगण, किसान प्रतिनिधि मौजूद थे।
ईई जल संसाधन वीके जैन ने बताया है कि वर्तमान में जल भराव का प्रतिशत 51 है। तवा जलाशय में 997 एमसीएम पानी है, जो गत वर्ष की तुलना में डेढ़ एमसीएम ज्यादा है। कलेक्टर ने अवगत कराया की नहर में मरम्मत की आवश्यकता है। नहर में कहीं-कहीं सीपेज हो रहा है। मरम्मत के लिए टेंडर भी लगाया गया है। वर्तमान में विभागीय स्तर पर मरम्मत का कार्य भी चल रहा है।
विधायक प्रेमशंकर वर्मा ने कहा कि नहर के द्वारा जब पानी छोड़ा जाता है तो पानी खेतों के अलावा अन्यत्र भी चला जाता है। जहां पानी की आवश्यकता नहीं है वहां भी चला जाता है। इससे पानी की बर्बादी भी होती है इसे रोकने की आवश्यकता है। जल संसाधन विभाग के ई ई ने बताया कि इस बार विसोनी कला एवं म्याऊं गांव तक पानी के लिए नहर को बढ़ाया गया है। स्टाफ की कमी होने के चलते अभी माइनर नहीं बढ़ाया है।