होशंगाबाद। सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि अमृत योग में एक साथ सोमवती अमावस्या, वट सावित्री और शनि जयंती का अनोखा योग रहा। रोहणी नक्षत्र में बने इस योग और एक साथ तीनों पर्व मनाने का महासंयोग भी वर्षों बाद आया, जहां श्रद्धालु सोमवती अमावस्या पर मन के दोष मिटाने चंद्रमा की पूजा के साथ ही नर्मदा में आस्था की पवित्र डुबकी लगा रहे थे, तो वही शनि की साढ़े साती या महादशा से पीड़ित वो शनि देव के जन्मोत्सव पर शनि मंदिर में जाकर तिल और तेल के साथ ही अनुष्ठान, हवन कर शनिदेव को खुश करने का प्रयास किया इसी प्रकार वट सावित्री व्रत पर महिलाएं पति की दीर्घायु के लिये वट वृक्ष में धागा बांधकर 108 परिक्रमा लगाई। सभी राशियों के जातको ने अपनी परेशानियों को दूर करने विशेष पूजा की पंडित गोपाल प्रसाद खड्डर ने बताया की सोमवार को बुध, राहु और मंगल का त्रिग्रही योग रहा साथ ही सर्वार्थ सिद्धि अमृत योग में एक साथ सोमवती अमावस्या, वट सावित्री और शनि जयंती का अनोखा महासंयोग बना। खासकर न्याय के देवता शनि महाराज की जयंती पर भक्तों ने शनि मंदिर पूजा में अर्चना के साथ ही नवग्रहों की पूजन, दिव्य आरती, भंडारे के आयोजन किए। रात से ही सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने नर्मदा में पवित्र डुबकी लगाई। होशंगाबाद नर्मदा की पवित्र धारा के किनारे पर बसा धार्मिक नगर है इसलिए नर्मदा में स्नान सहित दर्शन करने लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ आने की भीड़ आई पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए थे।