इटारसी। दो तिथियों की वजह से श्रद्धालु महाशिवरात्रि का पर्व दो दिन मना रहे हैं। मंगलवार को कई भोले भक्तों ने सुबह से शिवालयों में पहुंचकर भगवान भोले शंकर की आराधना की। सुबह से जलाभिषेक का शुरू सिलसिला देर रात तक जारी रहा। दिन भर जयकारों के बीच घंटे घडिय़ाल की आवाज गूंजती रही। वहीं लोगों ने व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना की। कई भक्तों ने आज बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया और अनेक मंदिरों में आज शिव अभिषेक हुए और खीर का प्रसाद वितरित किया। कुछेक जगह भंडारे का आयोजन भी किया गया।
तिलक सिंदूर में आज दूसरे दिन भी मेला लगा रहा। आज भी पहले दिन की तरह ही भीड़ रही। तिलक सिंदूर मेले में मौजूद सरकारी अमले ने आज भी उतनी ही मुस्तैदी से ड्यूटी निभाई, जितना कल निभाई थी। कल की तरह आज भी दोपहर दो बजे के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण तिलक सिंदूर पहुंचे और शाम अंधेरा होने तक भीड़ रही। इस तरह से एक अनुमान के अनुसार करीब सवा लाख श्रद्धालुओं ने तिलकसिंदूर पहुंचकर भगवान के दर्शन किये हैं।
कल से आज तक भक्ति
महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। 13 जनवरी को पूरे दिन त्रयोदशी तिथि रही और मध्यरात्रि में 11 बजकर 35 मिनट से चतुर्दशी तिथि लगी है। 14 फरवरी को पूरे दिन और रात 12 बजकर 47 मिनट तक चतुर्दशी तिथि है। ऐसे में लोगों ने दोनों दिन भगवान शिव की भक्ति में गुजारे। स्थानीय स्तर पर ब्राह्मणों ने भी अपने जजमानों को स्थिति स्पष्ट करने के बाद त्योहार मनाना भक्तों पर ही छोड़ दिया था। इस तरह मंगलवार और बुधवार को भी महाशिवरात्रि पर्व मना और श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर भगवान की आराधना की और पूरे दिन व्रत रखा। शाम को पूजा अर्चना के बाद व्रत संपन्न किया।