काफी संघर्ष का क्षेत्र है पत्रकारिता : शिव चौबे

Post by: Manju Thakur

इटारसी। पत्रकारिता संघर्ष का क्षेत्र है, यही आपमें ईमानदारी, निष्ठा और संघर्ष करने की क्षमता है तो आप इसमें सफल हो सकते हैं। मैं भी एक पत्रकार रहा हूं। बड़ी ईमानदारी से पत्रकारिता कर रहा था, लेकिन स्वाभिमान पर चोट पड़ी तो रास्ता बदल लिया। आज पत्रकारिता को व्यवसाय से जोड़कर देखा जाने लगा है। पूंजीपतियों के हाथ में अखबार आ गए हैं, ये आपको अपने हिसाब से चलाने का प्रयास करेंगे। लेकिन अपने उद्देश्य को न छोड़ें। नेता श्रद्धा का केन्द्र तो हो सकते हैं, परंतु यदि आप उनके दरबारी हुए तो कभी सफल नहीं हो सकते।
यह बात मप्र खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे ने यहां श्री प्रेमशंकर दुबे स्मृति पत्रकार भवन में चल रही पत्रकारिता कार्यशाला में पत्रकारिता का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षणार्थियों से कही। वे पहले सत्र में मुख्य वक्ता थे। श्री चौबे का श्री प्रेमशंकर दुबे स्मृति समिति की ओर से कार्यशाला प्रभारी रोहित नागे, संघ के कोषाध्यक्ष राजेश दुबे, शिव भारद्वाज, मंगेश यादव ने शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मान किया गया।
दूसरे सत्र में जिला भाजपा अध्यक्ष हरिशंकर जैसवाल ने कहा कि अभी आप इस क्षेत्र में जाने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं, इतना ध्यान रहे कि कठिनाईयां बहुत आएंगी, लेकिन उनसे विचलित हुए बिना लक्ष्य पर ध्यान दें। नेता वोट से मतलब रखते हैं, आप कुछ कहें तो लोग आपको सच के लिए याद रखें, ऐसा कुछ करें। कहानीकार और लेखक विनोद कुशवाहा ने कहा कि जीवन के साथ ही पत्रकारिता के क्षेत्र में अनुशासन की बड़ी अहमियत है। आप उसे कतई न छोड़ें। इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष संदेश पुरोहित भी मौजूद थे। पत्रकार विनय मालवीय, देवेन्द्र सोनी, शिव भारद्वाज ने भी संबोधित किया। संचालन जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष प्रमोद पगारे ने किया।

तथ्यों की खोज अवश्य करें
आज प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करने मुख्य नगर पालिका अधिकारी अक्षत बुंदेला भी आए थे। उन्होंने प्रशासन और पत्रकारिता के बीच तालमेल के साथ कहा कि जो भी देखें, लिखें लेकिन सच्ची और स्पष्ट जानकारी लेना जरूरी है, इससे आपकी खबर की विश्वसनीयता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि हर खबर में तथ्यों की खोज अवश्य करें। उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान किए कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि जीवन में लक्ष्य अवश्य तय करें। भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हुए कहा कि यह हमने सिस्टम में ही डाल रखा है। पद का दुरुपयोग भी भ्रष्टाचार ही है। प्रशासन की प्रेस से अपेक्षा के साथ ही उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण की जानकारी प्रदान करते हुए इसमें सहयोग की बात कही। श्री बुंदेला ने प्रशिक्षणार्थियों के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा भी शांत की।

उत्सुक एवं जिज्ञासु बनें
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष कमल दीक्षित ने कहा कि एक पत्रकार को जिज्ञासु होना चाहिए। इसमें किसी भी चीज को जानने की तीव्र उत्सुकता होनी चाहिए। यदि आप जिज्ञासु रहेंगे तो खबरों के लिए काफी चीजें खोज निकालेंगे। चीजों को जानने की इच्छा को प्रबल और जिंदा रखें। श्री दीक्षित ने कहा कि कभी भी पत्रकार को तैश में नहीं आकर अत्यंत विनम्र होना चाहिए। कभी किसी मंत्री या नेता का साक्षात्कार लेने जाएं तो विनम्रता से अपना सवाल करें और स्वयं को साधारण व्यक्तित्व मानकर काम करें।

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