दुख हमें ईश्वर की याद दिलाने आते हैं : तिवारी

दुख हमें ईश्वर की याद दिलाने आते हैं : तिवारी

इटारसी। दुर्गा मंदिर शिवनगर चांदौन में श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए संत भक्त पं. भगवती प्रसाद तिवारी ने शुकदेव मुनि और राजा परीक्षित के मिलन तक कथा सुनाई।
उन्होंने कहा कि पाप होता है लोभ से, लोभ को मारो। संतोष से लोभ मरने पर पाप छूटता है। उन्होंने कहा कि कहा मनुष्य के जीवन में जो भी दुख, तकलीफ, परेशानी, संकट आते हैं वो हमें ईश्वर की याद दिलाने आते हैं। सावधानी रखो सुख के पीछे भी दुख लगा है। भगवान की भक्ति, पूजा, पाठ, ध्यान आप चाहे कुछ समय करो लेकिन भरोसा 24 घंटे करने वाला ही सच्चा भक्त है। उन्होंने कहा कि मनुष्य की लापरवाही और आलसीपन तरक्की के दुश्मन हैं। हमारे सारे कर्मो को ईश्वर में लीन कर देना चाहिए क्योंकि ईश्वर के सानिध्य में सारे सुखों की प्राप्ति होती है। दुख आ भी जाए तो रोएं नहीं, घबराएं नहीं ईश्वर की कृपा समझ कर अपनाने का प्रयास करें। कर्मानुसार जिसके भाग्य में सुख लिखा है, उसको जंगल में पेड़ के नीचे भी सुख मिलता है, जिसके भाग्य में दुख लिखा है, वह महल में भी दु:ख सहन करता है। सुख और दुख प्रारब्ध के अधीन हैं। लेकिन मनुष्य प्रयत्न से, प्रयास से, प्रार्थना से, पुरूषार्थ से कोई सा भी दुख हो,आप ईश्वर की कृपा से दुखी नहीं हो सकते।
श्री तिवारी ने कहा कि भाग्य के भरोसे जो बैठे रहते हंै वे लोग एक दिन जरूर दुखी होंगे। मेहनत करने वाला एक दिन जरूर सुखी होगा। आलसी, निकम्मे, कर्महीन लोग दुखी होते हैं। भगवान की भक्ति, साधना से कभी सुख नहीं भी मिले तो भी शांति, आनंद, धैर्य, ज्ञान की प्राप्ति अवश्य होती है।

CATEGORIES
Share This
error: Content is protected !!