होशंगाबाद। निजी स्कूल स्प्रिंगडेल्स (Private School Springdales) में कुछ बाहरी तत्वों ने पालकों के साथ मिलकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ़ अशोभनीय शब्दों का प्रयोग कर नारेबाजी की व माहौल खराब करने का प्रयास किया। विरोध में होशंगाबाद जिला सोपास (SOPAS) संगठन के सैकड़ों स्कूल संचालक एवं प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों ने विरोध प्रकट कर प्रशासन को अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने और स्कूल की ट्यूशन फीस (Tuition fees) लेने के शासकीय व न्यायालयीन आदेश को सार्वजनिक करने एक ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में कहा है कि बच्चों की शिक्षा उनका मौलिक अधिकार है जिसे यथासंभव जारी रखने हर निजी स्कूल ऑनलाइन कक्षाओं (Online Clases) को बद से बदतर स्थितियां होने के बावजूद जारी रखे हुये हैं, इसका कतिपय तत्व पालकों के साथ मिलकर विरोध कराकर बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना चाहते हैं। शासन एवं न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बाद भी 30 जून तक पूर्ण बदहाली की दशा में पहुंच जाने के बाद भी अभिभावक (Parents) न तो पिछले सत्र की रुकी हुई और न ही नये सत्र की फीस जमा कर रहे हैं। स्कूल संचालन व प्रबंधन के खर्चों के लिये अनिवार्य स्कूल फीस मांगने पर सोपास के सदस्य स्कूल स्प्रिंगडेल्स में 20 से 25 बाहरी तत्वों द्वारा स्कूल अभिभावकों को भड़काने के साथ साथ स्कूल प्रबंधन के खिलाफ़ बहुत ही अशोभनीय शब्दों का प्रयोग कर नारेबाजी की (Springdales) जिससे स्कूल में भय का माहौल व्याप्त हो गया, महिला प्रबंधकों ने स्वयं को असुरक्षित महसूस किया। इस घटना का प्रदेश के सोपास संगठन के लगभग 1000 संचालक सदस्यों ने विरोध करते हुये अपने प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से होशंगाबाद कलेक्टर (Collector Hoshangabad) के नाम एडिशनल कलेक्टर, एसपी(SP Hoshangabad), तहसीलदार (Tahsildar Hoshangabag),जेडी ऑफिस, देहात थाना प्रभारी (Dehat Thana Prabhari) को ज्ञापन सौंपा।
सोपास(Sopas) जिलाध्यक्ष आलोक राजपूत (Alok Rajput) ने बताया कि जिले के विभिन्न ब्लाक से आये निजी स्कूल संचालकों और सोपास(Sopas) प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों की उपस्थिति में एनईएस बी एड कालेज के सभागार में ज्ञापन देने से पूर्व एक विरोध सभा में संचालकों ने शासन व न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी कतिपय अभिभावकों द्वारा किये जा रहे असहयोग और की जा रही अभद्रता का पुरजोर विरोध किया। इस अवसर पर अरुण शर्मा, आशुतोष शर्मा, आशीष चटर्जी, राजेश दुबे, प्रवीण पणीकर, प्रशांत जैन व प्रवीण अवस्थी ने अभिभावकों से ऑनलाइन द्वारा बच्चों की शिक्षा को सतत बनाये रखने, अनिवार्य रूप से सिर्फ ट्यूशन फीस जमा करने और स्कूल की समस्या का सौहार्द्रपूर्ण हल ढूंढने पर जोर दिया ताकि बाहरी तत्व अपने उद्देश्य में सफल न हो पायें।