किया अलका पालीवाल हत्याकांड का खुलासा
इटारसी।पुलिस ने आज दोपहर में मालवीयगंज निवासी महिला अलका पालीवाल की हत्या का खुलासा कर दिया है। 14 अगस्त की शाम से लापता महिला का शव कंकाल के रूप में केसला के जंगल में मंगलवार की शाम को मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एमसीआई भोपाल भेजा है।
बुधवार को दोपहर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशांक गर्ग, एसडीओपी अनिल शर्मा ने महिला की हत्या का खुलासा एक प्रेस कॉन्फ्रेस में किया। मामले में पुलिस ने सराफा व्यावसायी दिनेश गोठी सहित तीन आरोपियों को धारा 302, 201, 120 बी और 34 के तहत गिरफ्तार किया है।
ये था पूरा घटनाक्रम
पुलिस के अनुसार 14 अगस्त की शाम अलका पति वीरेन्द्र पालीवाल 52 वर्ष अपने घर से दिनेश गोठी से मिलने का कहकर निकली थी, परंतु घर वापस नहीं लौटी। परिजनों ने दिनेश गोठी और रिश्तेदारों से पता किया लेकिन पता नहीं चला तो गुमशुदगी दर्ज करायी। जांच के दौरान अलका की बहन सीता, पुत्र प्रतीक व पुत्री गार्गी से भी पूछताछ की तो उन्होंने दिनेश गोठी से मिलने की बात कही, जिसे वे मामा कहते थे। पुलिस को एक मोबाइल नंबर भी दिया जिसे दिनेश गोठी का बताया। हालांकि सीडीआर में वह बिहार का निकला। जांच के दौरान संबंधित मोबाइल को ट्रेस किया तो आर्डनेंस फैक्ट्री तरफ जाने का पता चला और बंद हो गया।
ऐसे चली पुलिस की जांच
पुलिस ने घटना के खुलासे के लिए 3 टीम बनायी। रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज देखे जिसमें महिला बारह बंगला तरफ सीढिय़ों से उतरते दिखी। इस बीच संदिग्ध दिनेश गोठी से पूछताछ की और सीडीआर देखी तो एक संदिग्ध नंबर पता चला जो फतेहचंद चौरे निवासी तारारोड़ा के नाम रजिस्टर्ड था। पता चला कि यह दिनेश गोठी के खेत में बटियादार है, उससे महिला के परिजनों के सामने बुलाया तो महिला के बच्चों ने बताया कि ये उनके यहां दो-तीन बार एक अन्य व्यक्ति के साथ आ चुके हैं। पूछताछ में फतेहचंद गुमराह करता रहा। सख्ती से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि उसने अशोक धुर्वे के साथ दिनेश गोठी की कार और स्वयं की बाइक से महिला को ले जाकर गला घोंटकर हत्या कर लाश सुखतवा के जंगल में फैंकी है।
तीनों थे घटना में शामिल
पुलिस ने फतेहचंद चौरे के बयान के बाद अशोक धुर्वे को हिरासत में लिया और उससे भी बारीकी से पूछताछ की तो पता चला कि उनके साथ दिनेश गोठी भी था। तीनों ने इस घटना को अंजाम दिया है। इसके बाद पुलिस ने अशोक धुर्वे और फतेहचंद को साथ ले जाकर उनकी निशानदेही पर सुखतवा के जंगल से लाश बरामद की। इस दौरान पुलिस ने दिनेश गोठी को भी थाने बुलाकर कड़ी पूछताछ की तो कुछ देर में ही उसने भी अपना अपराध स्वीकार कर लिया। मंगलवार की देर रात को पुलिस अधीक्षक अरविंद सक्सेना और एडिशनल एसपी शशांक गर्ग ने होशंगाबाद से इटारसी आकर तीनों पर अपराध दर्ज कराके इनको हवालात में भेज दिया।
ये बताया दिनेश गोठी ने
शहर के प्रसिद्ध एलकेजी ज्वेलर्स के संचालक दिनेश गोठी ने पुलिस को बताया कि अलका से उसके 15-16 वर्ष पुराने मित्रवत संबंध थे। इन संबंधों का फायदा उठाकर अलका पालीवाल पिछले लंबे समय से उससे पैसे लेती रही है। इसी से परेशान होकर उसने अलका पालीवाल से छुटकारा पाने के लिए अपने खेत के बटियादार फतेहचंद और नौकर अशोक धुर्वे के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। बताया गया कि दिनेश गोठी की कार में महिला को बिठाकर ले गए और केसला और पथरोटा के बीच अशोक धुर्वे ने अपना गमछा गले में डालकर गला कसकर उसकी हत्या कर दी। इसके लिए उन्होंने कोई हथियान का इस्तेमाल नहीं किया।
सबूत मिटाने ये किया
महिला की हत्या के बाद आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए उसके पास की चीजों को अलग-अलग जगह फैंका था। महिला का मोबाइल तोड़कर, पर्स एवं कागजात पथरोटा नहर की पुलिया, होशंगाबाद के पास पुलिया में उसकी चप्पल, सुखतवा के जंगल में लाश फैंकी। घटना के बाद उसी रात को फतेहचंद की बाइक से दोनों नर्मदा नहाने होशंगाबाद चले गए। हत्या में प्रयुक्त गमछा अशोक ने अपने घर ही रख लिया था। शव के पास से पुलिस ने महिला के कपड़े, पर्स, बालों में लगाने वाला क्लेचर, लाल कड़ा बरामद किया, महिला के पुत्र ने इन सामान के अलावा दाहिने पैर की ऐड़ी में डली राड और स्क्रू देखकर अपनी मां के रूप में शिनाख्त की।