इटारसी। रेलवे स्टेशन के सामने जीआरपी परिसर स्थित श्री विष्णु महायज्ञ में हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। इस दौरान श्रद्धालु भी यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर रहे हैं।
हमारी संस्कृति में यज्ञ का बड़ा महत्व है। विद्वानों का कहना है कि यज्ञ के दौरान जो भक्त आहुतियां डालता है उससे मनवांछित फल प्राप्त होते हंै। जीवन में जन्म-मृत्यु और सुख-दुख तो परिक्रमावासी है निरंतर आते-जाते रहेंगे लेकिन यदि पापों का नाश होता है तो उसके पीछे पुण्यों का उदय छिपा रहता है। आचार्य पं. अशोक भार्गव ने कहा कि जीवन में चाहे व्यक्ति राजा हो या फिर फकीर संतान सुख की आवश्यकता सभी को होती है। राजा दशरथ के यहां कोई संतान नहीं थी उन्होंने मन की यह पीड़ा गुरू वशिष्ट को बताई तब गुरू वशिष्ट ने राजा दशरथ को पुत्र कामेष्टि यज्ञ की सलाह दी। आचार्य अशोक भार्गव ने कहा कि जो राजा मुनि, संत और सचिव की आज्ञा अथवा सलाह मान लेता है उसका जीवन में सदैव भला होता है। आचार्य अशोक भार्गव पिछले कई वर्षों से श्री विष्णु महायज्ञ के यज्ञाचार्य हैं और श्रेष्ठ प्रवचनकर्ता है। श्री विष्णु महायज्ञ के चतुर्थ दिवस मुख्य यजमान दामोदर राव कोहले एवं पुष्पा कोहले के अलावा मेहरागांव के मुरारी पटैल भी यजमान बने। आचार्य अशोक भार्गव, अतुल मिश्रा, राहुल गोस्वामी, अमित दुबे, दीपक मिश्रा, रामकिशोर तिवारी ने स्वयं भी और उपस्थित यजमानों ने भी मंत्रोचार सहित श्री विष्णु महायज्ञ में आहुतियां दी। रामस्वरूप मिश्रा ने यज्ञ एवं प्रवचन में आए सभी श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।