इटारसी। वाद्य यंत्र की जो मधुर आवाज़ हम सुनते हैं, उसकी तरंगे कैसे चलती हैं, ध्वनि कैसे हम तक पहुंचती है। यह सबसे अनजान हम केवल परिणाम को देखते हैं, उसके पीछे के विज्ञान से अनभिज्ञ होकर। लेकिन, इसके पीछे छिपा है विज्ञान का गूढ़ रहस्य। यह क्या है, कैसे होता है? ऐसे कई विज्ञान के रहस्यों से पर्दा उठाकर रोचक प्रयोग के माध्यम से ईश्वर रेस्टॉरेंट में चल रही वर्कशॉप में बताया जा रहा है। वर्कशॉप में कोई भी शिक्षक, स्टुडेंट, आमजन आकर विज्ञान के कई रहस्यों के बारे में जान सकता है। चंडीगढ़ से आए वैज्ञानिक डॉ.एमएस मरवाह अत्यंत रोचक तरीके से विज्ञान के कई प्रयोगों के माध्यम से रोजमर्रा की ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनसे हम अब तक अनभिज्ञ रहे हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भार सरकार नई दिल्ली के उत्प्रेरण एवं सहयोग से जिले के विद्यार्थियों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को नवाचारी पद्धति से यह शिक्षण प्रशिक्षण चल रहा है, जिसके आयोजक नर्मदांचल के ही राजेश पाराशर हैं, जो समय-समय पर यहां के बच्चों को आकाशगंगा की सैर कराते रहे हैं। उनके प्रयासों से ही यह महत्वपूर्ण आयोजन यहां हो रहा है। स्रोत विद्वान डॉ. मरवाह ने आज बताया कि कई प्रयोगों के माध्यम से बताया कि ध्वनि कैसे चलती है। ऐसे कई रोचक रहस्य बताए जिनको हम केवल किताबों में पढ़कर ही सच मान लिया करते हैं, उनकी बिना कोई जांच-परख किए। लेकिन, कार्यशाला में जब प्रयोग करके देखे तो पूरी धारणाएं ही बदल गईं। यह परिणाम सामने आया कि किताबों में जो लिखा होता है, वह पूरी तरह से सच नहीं होता है। कार्यशाला में शहर के सरकारी और निजी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाएं बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं, साथ ही कालेज स्टुडेंट भी आ रहे हैं। आज कार्यशाला में ध्वनि तरंगों के मॉडल, पृष्ठतनाव, दहन में ऑक्सीजन की भूमिका, परावर्तन, अपवर्तन को समझाने 20 से अधिक प्रयोग बताये गये।