गली-गली में गूंजा जय परशुराम, किया शक्ति प्रदर्शन
इटारसी। विप्र समाज के आराध्य भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम के जयंती महोत्सव पर सोमवार को शोभायात्रा निकली। गली-गली भगवा रंग के ध्वज और स्वागत पोस्टर से सजी रही। जय-जय परशुराम के जयघोष के साथ समूचे विप्र समाज और हिन्दु समाज ने शोभायात्रा में हिस्सा लेकर हिन्दू समरसता का महान संदेश दिया। शाम 4 बजे दूसरी लाइन स्थित परशुराम भवन से शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा में ढोल-ढमाके, डीजे की धुन पर युवाओं ने जमकर डांस किया। एक सुसज्जित वाहन में भगवान परशुराम की मनोहारी प्रतिमा आर्कषण का केन्द्र रही। शहर के लाइन एरिया, सराफा, जयस्तंभ, रेलवे स्टेशन रोड से होकर शोभायात्रा फ्रेन्डस स्कूल परिसर में संपन्न हुई।
शक्ति प्रदर्शन किया
हजारों की संख्या में शामिल हुए विप्रों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। तीन किमी लंबी शोभायात्रा में लोगों की भीड़ टूट पड़ी। आलम यह रहा कि बाजार क्षेत्र की पूरी सड़क पर जब जुलूस आया तो अद्भुत नजारा देखने को मिला। दर्जनों वाहनों का काफिला शोभायात्रा में शरीक हुआ। जुलूस में समाज के युवा भगवान परशुराम के शस्त्र फरसे के साथ थिरकते नजर आए। शहर के कई सामाजिक संगठनों ने शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत कर शर्बत वितरित कर जुलूस में पुष्पवर्षा की।
प्रतिभाओं का सम्मान हुआ
कार्यक्रम में समाज के संरक्षक विस अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा, पूर्व गृह राज्य मंत्री विजय दुबे काकू भाई, पूर्व विधायक अंबिका शुक्ला, जिला एवं सर्व ब्राह्मण प्रदेश उपाध्यक्ष जितेन्द्र ओझा एवं अन्य जानी-मानी हस्तियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली समाज की प्रतिभाओं को शाल-श्रीफल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया।
भगवान परशुराम की महाआरती
जयंती समारोह की शुरूआत में अतिथियों ने भगवान परशुराम जी की आदमकद प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया, इसके बाद होशंगाबाद के ब्राह्मणों ने मां गंगा की तर्ज पर भगवान परशुराम जी की महाआरती की। इसके बाद अतिथियों का समाज द्वारा स्वागत किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा ब्राह्मण समाज ने हमेशा देश और समाज को सही दिशा है। एक ब्राह्मण ही है जो हमेशा हिन्दू समाज को अपनी संस्कृति और संस्कार से बांधे रखता है। पूरे देश में जिस तरह से विप्र समाज ने हिन्दू समरसता का संदेश दिया है, वह अपने आप में गौरवशाली है। विप्रों ने कभी अपने लिए नहीं, बल्कि समूचे समाज और देश की भलाई के लिए काम किया है। आचार्य चाणक्य, कौटिल्य से लेकर इस पावन धरती पर जितने भी संत-ऋषियों ने अवतार लिया, हमेशा उन्होंने सामाजिक कुरीतियों का विरोध कर लोगों को मानव सेवा और भलाई के लिए प्रेरित किया। हमें अपने सम्मान और अधिकार के लिए किसी पर आश्रित रहने की जरूरत नहीं, बल्कि हम खुद अपनी दिशा और दशा बदलने में सक्षम हैं। संपूर्ण विप्र समाज जिस तरीके से एकता की डोर में बंध रहा है, वह हमारी असली ताकत है। भगवान परशुराम परम शिव भक्त थे, जिन्होंने अपने शौर्य-पराक्रम से आसुरी शक्तियों का विनाश किया। मर्यादा पुुस्र्षोत्म भगवान श्रीराम जी ने उन्हें नमन किया था। इसलिए वे सिर्फ ब्राह्मणों के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण हिन्दू राष्ट्र के लिए पूज्यनीय हैं। समारोह में विप्र समाज के डॉक्टर्स, मीडियाकर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेताओं, युवाओं, महिलाओं और युवतियों ने समाज की एकता का शक्ति प्रदर्शन किया। देर रात आयोजित सम्मान समारोह के बाद प्रसादी वितरण हुआ। कार्यक्रम का संचालन सुनील बाजपेयी ने किया।
इनका हुआ सम्मान
ब्रह्मेश तिवारी मशहूर एड फिल्मों के डायरेक्टर। दंगल फि़ल्म निर्माता नितेश तिवारी जी के भ्राता, सीए आकांक्षा पाठक बेंगलौर में कार्यरत, देवांश पांडेय जेईईई में चयनित आईआईटी खडग़पुर में सेलेक्ट, सुशांत तिवारी एमटेक इटली में पदस्थ, अनुराग मिश्रा क्रिकेट के नेशनल अम्पायर स्पर्श भारद्वाज भारतीय रेल सेवा (आईआरएस) में चयनित शालिनी शर्मा कत्थक की जानी मानी नृत्यांगना जिन्हें हरियाणा सरकार ने बेटी बचाओ अभियान का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है। भजन गायक मां के बेटे जागरण समिति के आलोक शुक्ला दिव्यांग होने के बावजूद देवी भजन गायकी में नाम रोशन किया।