इटारसी। उन बच्चियों का सगा नाना उन पर बुरी नीयत रखता था। वो तब घर आता था, जब बच्चियों के माता-पिता मजदूरी पर निकल जाते थे। एक बार बच्चियों ने नाना की गलत हरकत का विरोध किया तो नाना ने धमकाया कि भाग जाओ यहां से, वरना जान से मार दूंगा। नाना की धमकी से डरकर बच्चियों ने घर छोड़ दिया और भाग गईं। बच्चियां भोपाल में चाइल्ड लाइन को मिलीं और वहां से बाल कल्याण समिति ने बच्चियों की कहानी सुनकर नाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी।
ये कहानी है, शहर के अवाम नगर में रहने वाले एक मजदूर परिवार की। बच्चियां फिलहाल भोपाल में हैं, लेकिन वहां से महिला थाने में मामला शून्य पर कायम होकर इटारसी थाने आया। यहां पुलिस ने बच्चियों की मां को बुलाया और उनकी शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार तीन बच्चियां 16, 10 और 9 वर्ष की है. इनके माता-पिता शहर में ही मजदूरी करते हैं। जब ये बच्चियों को अकेला छोड़कर मजदूरी पर निकल जाते थे तो उनका सगा नाना घर आकर दोनों छोटी बच्चियों से छेड़छाड़ करता था। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी देता था। इन बच्चियों ने नाना के डर से घर छोड़ दिया और भोपाल रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड लाइन की नज़र में आ गईं। चाइल्ड लाइन ने उनको बाल कल्याण समिति को सौंपा और सीडब्ल्यूसी ने महिला थाने में बच्चियों की कहानी के आधार पर उनके नाना के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली। आरोपी के खिलाफ धारा 376 आईपीसी एवं पास्को एक्ट का मामला दर्ज कर लिया है।