इटारसी। मंगलवार, 21 अगस्त को समीपस्थ ग्राम सनखेड़ा में आदिवासी परिवार के चार घरों पर इमली का पेड़ गिरने से मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे और परिवार के आधा दर्जन से अधिक सदस्य घायल हो गए थे। इनमें से कुछ का उपचार अब भी अस्पताल में चल रहा है और कुछ उपचार के बाद घर आ गये हैं। पीडि़त परिवार के लोगों का कहना है कि प्रशासन से हमें मदद नहीं मिल रही है, जबकि तहसीलदार का कहना है कि घटना की सूचना पर तत्काल गए थे, 108 एम्बुलेंस से सभी घायलों को अस्पताल भेजा और उनके तात्कालिक भोजन की व्यवस्था स्कूल में करायी थी। राशन दुकान से चावल, गेहूं भी दिलाए थे।
उल्लेखनीय है कि समीपस्थ ग्राम सनखेड़ा में मंगलवार 21 अगस्त को तेज हवा और बारिश से करीब 50 वर्ष पुराना इमली का एक पेड़ एक मकान पर गिर गया था। पेड़ गिरने से चार मकान क्षतिग्रस्त हुए और मकान के भीतर टीवी देख रहे परिवार के करीब आधा दर्जन से अधिक सदस्य घायल हो गए थे जिनमें बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हैं। सभी घायलों को यहां डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में उपचार मिला। अब घायलों का कहना है कि घटना के बाद दो दिन तो उनको स्कूल में मध्याह्न भोजन से खाना मिला, लेकिन अब स्कूल के प्राचार्य ने भोजन कराने से मना कर दिया है। उनके पास अब कोई छत नहीं है, गांव के कुछ लोगों ने भी दो दिन खाना-पानी दिया था। लेकिन कोई कब तक कराएगा। प्रशासन को हमारा मकान की मरम्मत कराना चाहिए, नहीं तो हम चक्काजाम करेंगे और किसी को भी गांव में नहीं आने देंगे और ना ही यहां से जाने देंगे।
इनका कहना है…!
सूचना मिलने पर पुलिस बल और मैं स्वयं पहुंचा था। घायलों को 108 एम्बुलेंस से अस्पताल लाकर उपचार दिलाया, स्कूल में मध्याह्न भोजन से तात्कालिक खाने का इंतजाम कराया, राशन दुकान से राशन दिलाया। गांव जाकर पीडि़तों के बयान लिए और आर्थिक सहायता का प्रकरण तैयार करके रिपोर्ट तहसीलदार के समक्ष पेश कर दी है। गांव के कुछ लोग पीडि़तों को बहकाकर बयानबाजी करा रहे हैं।
एनपी शर्मा, नायब तहसीलदार