स्कूलों में संचालित सांझा चूल्हा की आंच हुई मद्धम

Post by: Manju Thakur

इटारसी। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सांझा चूल्हा योजना के माध्यम से आंगनवाडिय़ों एवं शासकीय प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में मध्यान भोजन की आपूर्ति करने वाले महिला स्व-सहायता समूह को शासन द्वारा प्रदान किये जाने वाले राशन एवं अनुदान में लंबे समय से भारी कटौती की जा रही है। जिसके चलते समूह की महिलाओं को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अपनी इन्हीं परेशानियों को लेकर प्रांतीय महिला समूह संघ के बैनर तले केसला ब्लॉक के स्व सहायता समूहों की बैठक गांधी स्टेडियम में आयोजित की गई। उक्त बैठक में बताया गया है कि सांझा चूल्हा योजना के तहत शासकीय राशन दुकान से प्रत्येक आंगनवाडिय़ों में करीब 11 किलो गेहूं एवं 2 किलो चावल तथा स्कूलों में मध्याह्न भोजन हेतु 35 किलो गेहूं एवं 11 किलो चावल आवंटित किया जाता है। इसी प्रकार अनुदान की राशि भी प्रत्येक केन्द्र में करीब 5000 रुपए दी जाती है। जो एक प्रकार से स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का शोषण है। इनका सवाल है कि इतने कम राशन एवं इतने कम अनुदान में महीने भर बच्चों को अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों का भोजन कैसे कराया जा सकता है। प्रांतीय महिला समूह संघ की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती सरिता ओमप्रकाश बघेल के नेतृत्व में संभाग प्रभारी सुमन उईके, प्रदेश उपाध्यक्ष रोशनी सोनी एवं केसला ब्लाक कार्यकारिणी की श्रीमती राजेश्वरी इस आर्थिक परेशानी के मुद्दे पर मंगलवार को कलेक्टर होशंगाबाद से मुलाकात करेंगी एवं ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि इस समस्या का निदान नहीं किया गया तो अगले मंगलवार को शासकीय अनुमति के साथ जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।

इनका कहना है…!
स्वसहायता समूहों के सामने बड़ा आर्थिक संकट है। अत्यंत कम बजट में काम कराके हमारी बहनों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है। हम इसके लिए मंगलवार को कलेक्टर से मुलाकात करके सारी स्थिति से अवगत कराएंगे और फिर भी बात नहीं बनी तो फिर अगले मंगलवार को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
सुमन उईके, संभाग प्रभारी महिला समूह संघ

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