गर्मी में यात्रियों के लिए 380 स्पेशल ट्रेनें फेरे लगा रही हैं

Rohit Nage

Garibrath Express will now run with LHB coach, passengers of Itarsi and Harda will get convenience.

इटारसी। भारतीय रेलवे (Indian Railways) इस वर्ष गर्मी के मौसम में यात्रियों की सुविधा और यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को क्लियर करने के लिए 380 स्पेशल ट्रेनों के 6369 फेरे चला रहा है। वर्ष 2022 में कुल समर स्पेशल (Summer Special) ट्रेनों (348 ट्रेनों के 4599 फेरे) की तुलना में चालू वर्ष में 1770 फेरे अधिक चला रहा है। प्रमुख रूट पटना-सिकंदराबाद, पटना-यशवंतपुर, बरौनी-मुजफ्फरपुर, दिल्ली-पटना, नई दिल्ली-कटरा, चंडीगढ़-गोरखपुर, आनंद विहार-पटना, विशाखापत्तनम-पुरी-हावड़ा, मुंबई-पटना, मुंबई-गोरखपुर हैं।

कुल मिलाकर 6369 फेरों वाली इन 380 स्पेशल ट्रेनों में 25794 सामान्य कोच और 55243 शयनयान कोच हैं। सामान्य कोच में 100 यात्रियों की क्षमता होती है जबकि स्लीपर कोच में आईसीएफ में 72 और एलएचबी में 78 यात्रियों की क्षमता होती है। गर्मियों की भीड़ को देखते हुए सभी जोनल रेलवे द्वारा देश भर में चारों दिशाओं की तरफ स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से कर्नाटक (Karnataka), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), तेलंगाना (Telangana), महाराष्ट्र (Maharashtra), ओडिशा (Odisha), पश्चिम बंगाल (West Bengal), बिहार (Bihar), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), दिल्ली ( Delhi) जैसे विभिन्न राज्यों से कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा रही है।

मुख्य रूप से कर्नाटक क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने वाले दक्षिण पश्चिम रेलवे ने पिछले साल 779 फेरे की तुलना में इस गर्मी के मौसम में अधिकतम 1790 फेरे चलाए। पश्चिम रेलवे ने पिछले साल 438 ट्रिप की तुलना में इस बार 1470 फेरे चलाने की तैयारी की है।उल्लेखनीय है कि इस वर्ष दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा 784 फेरे चलाए जा रहे हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 80 फेरे अधिक हैं। देश के उत्तरी हिस्से में भारी भीड़ से निपटने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे 400 फेरे, पूर्व मध्य रेलवे 380 फेरे चला रहा है। उत्तर रेलवे ने भी इस साल 324 फेरे चलाने की योजना बनाई है।

विशेष ट्रेनों की योजना बनाना और चलाना एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए मीडिया रिपोट्र्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स, रेलवे इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 139 जैसे सभी संचार माध्यमों से 24&7 इनपुट लिए जाते हैं, इसके अलावा ट्रेनों की मांग का आकलन करने के लिए एक विशेष मार्ग पर पीआरएस सिस्टम में यात्रियों की प्रतीक्षा सूची का विवरण भी लिया जाता है। इस जरूरत के आधार पर ट्रेनों की संख्या और फेरों की संख्या बढ़ाई जाती है।

गर्मी के सीजन में कमर्शियल और आरपीएफ स्टाफ की टीम द्वारा किसी भी तरह के कदाचार-जैसे सीटों पर कब्जा करना, अधिक चार्ज करना और दलाली आदि पर नजर रखी जा रही है।

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