अतिक्रमण की बेल : शुरु हो गया नये बस स्टैंड पर दुकान लगाने कब्जे का खेल

Post by: Rohit Nage

Bell of encroachment: The game of occupying the new bus stand by setting up a shop has started.
  • छत्रपति शिवाजी बस स्टैंड पर ग्रीन एरिया में अतिक्रमण, पौधे किए खराब
  • नये बस स्टैंड शुरु होते ही क्षेत्र में दुकान लगाने के लिए मच गयी होड़
  • प्रशासन की अनदेखी से अतिक्रमण के बीज बनने लगे हैं पौधे

इटारसी। दो दिन पूर्व प्रशासन ने जहां सख्ती से नये बस स्टैंड की शुरुआत करायी है, वहां प्रशासन की अनदेखी से अतिक्रमण की बेल पनपने लगी है। लोगों ने उस ग्रीन एरिया को भी कब्जा लिया है, जहां इसके सौंदर्यीकरण के लिए पौधरोपण किये थे। कब्जाधारियों ने कई पौधे भी नष्ट कर दिये हैं। अब नगर पालिका इनसे कैसे निबटेगी यह आने वाला वक्त बतायेगा, क्योंकि अभी रोपे गये अतिक्रमण के पौधे कब बड़े होकर प्रशासन की परेशानी का सबब बनेंगे, पता भी नहीं चलेगा।

छत्रपति शिवाजी बस स्टैंड पर अतिक्रमण करके दुकान लगाने की होड़ मच गई। दुकान लगाने वालों ने ग्रीन एरिया को भी नहीं छोड़ा है। जहां सुंदरता व हरियाली बढ़ाने के लिए पौधे लगाए थे, वहां पर अब रस्सियों का मकडज़ाल है। कुछ पौधे भी खराब भी हो गए हैं। अतिक्रमणकारियों ने अपनी दुकान लगाने जगह आरक्षित कर ली है। किसी ने ग्रीन नेट बांध दी ह, किसी ने साड़ी तो अधिकांश ने रस्सी बांधकर अपना कब्जा कर लिया है। नगरपालिका प्रशासन को देखना होगा कि वह यहां पर ऐसे लोगों से और इस तरह हरियाली को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से कैसे निपटेगी।

पुरानी इटारसी में बढ़ी रोनक

नये बस स्टैंड का लोगों ने स्वागत किया है। कहीं इसका विरोध नहीं हुआ बल्कि पुरानी जगह पर कुछ देर के हाल्ट की मांग अवश्य हुई है। यहां बस स्टैंड जाने से क्षेत्र के विकास के द्वार खुल सकते हैं। पुरानी इटारसी बस स्टैंड प्रारंभ हो जाने से वहां रोनक बढ़ गई है। यहां चाय, पानी के अलावा अन्य सारी सामग्री यात्रियों को मिलने लगी है।

ऑटो संचालक भी खुश

ऑटो संचालक भी खुश हैं। पुरानी इटारसी बस स्टैंड चले जाने से उनका रोजगार बढ़ गया है। ओवर ब्रिज से बाजार और पुरानी इटारसी से बस स्टैंड तक उन्हें अच्छे यात्री मिल रहे हैं। जो छात्र-छात्राएं एमजीएम कॉलेज या गल्र्स कॉलेज जाने के लिए बस से आती थीं। उनके लिए वैकल्पिक रास्ते मौजूद हैं। केसला से आने वाले स्टूडेंट, मरोड़ा से आने वाले स्टुडेंट ओवर ब्रिज पर उतर सकते हैं या वे पीपल मोहल्ला में डायवर्सन तिराहा पर उतर सकते हैं। यहां से गरीबी लाइन अंडर ब्रिज होकर वे आसानी से कॉलेज पहुंच सकेंगे।

कहीं तो होना ही था

शहर की बढ़ती आबादी और घनत्व को देखते हुए बस स्टैंड की जरूरत थी। लेकिन, इसे सुनियोजित योजना के तहत लागू करना होगा, अन्यथा अनियमितताएं होंगी। अभी बसें ओवरब्रिज पर ज्यादा देर रुककर ट्रैफिक व्यवस्था बिगाड़ रही हैं, यहीं आटो चालक भी इस मार्ग पर जाकर सवारियां भर रहे है जिससे यहां की व्यवस्था बिगड़ रही है। ट्रैफिक अमले को यहां सख्ती बरतनी होगी, अन्यथा अन्य वाहनों को परेशानी उठानी पड़ेगी।

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