इटारसी/नर्मदापुरम। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह (Collector Neeraj Kumar Singh) ने बुधवार को इटारसी (Itarsi) और सोहागपुर (Sohagpur) में मत्स्य पालन (Fisheries) की विभिन्न गतिविधियों का जायजा लिया। कलेक्टर ने सबसे पहले इटारसी के ग्राम गुर्रा पहुंचकर यहां आद्या फिश फार्म (Ada Fish Farm) में संचालित गतिविधियों का निरीक्षण किया। जिसमें उन्होंने बायोफ्लॉक (Biofloc) में हाई वैल्यू फिशेज़ (High Value Fishes) रूपचंदा व पैंगेसियस का कल्चर (Culture) देखा। साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) अंतर्गत नव निर्मित मत्स्य आहार संयंत्र (Fish Feed Plant) का संचालन व क्रियान्वयन जिसमे विभिन्न प्रोटीन कंटेंट (Protein Content) के मत्स्य आहार के उत्पादन वितरण की बारे में जानकारी प्राप्त की। इस दौरान सहायक संचालक मत्स्य विभाग (Assistant Director Fisheries Department) भी उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री सिंह ने मत्स्य विभाग के अमले को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा हितग्राहियों को लाभान्वित करें। जिससे जिले में न केवल मत्स्य पालन के रूप में स्थाई रोजगार प्राप्त हो सकेगा बल्कि आधुनिक कल्चर से ज्यादा से ज्यादा मत्स्य उत्पादन भी प्राप्त होगा। कलेक्टर ने कहा कि परंपरागत रूप से मछली पालन करते आ रहे हैं मत्स्य पालकों को आधुनिक तकनीकी एवं शासन द्वारा दी जाने वाले अनुदान सहयाता के बारे में भी जानकारी दी जाए।
फिश फार्म (Fish Farm) के संचालक अतुल सिंह चंदेल ने कलेक्टर को बताया कि इस वर्ष अभी तक भारतीय प्रमुख सफर कार्प के लगभग 750 लाख मत्स्य बीज उत्पादित किए जा चुके हैं । मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य निरंतर जारी है, जो कि 15 अगस्त तक जारी रहेगा। कलेक्टर श्री सिंह ने ब्लॉक सोहागपुर (Block Sohagpur) के ग्राम सैनी (Village Saini) का भ्रमण किया। यहां उन्होंने कस्तूरी कृषि फार्म (Kasturi Krishi Farm) में (रिसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (Recirculatory Aquaculture System) ) अंतर्गत पैंगेसियस कल्चर (Pangasius Culture) और तालाबों में कतला, कॉमन कार्प, रोहू, मृगल मछालियों का पालन का अवलोकन किया। साथ ही समन्वयित संवर्धन (इंटीग्रेटेड कल्चर (Integrated Culture))में जैविक कृषि, मधुमक्खी पालन के साथ साथ विभिन्न गतिविधियों का भी जायजा लिया। कलेक्टर ने आधुनिक तकनीकी से मत्स्य पालन के साथ साथ जैविक खेती के लिए कस्तूरी कृषि फार्म की सराहना की। उन्होंने यहां जैविक कृषि आधारित गेहूं, चावल, चना दाल आदि उत्पादों का अवलोकन भी किया।