जीवन में सुधार का संदेश देती हैं भगवान की लीलाएं

Post by: Poonam Soni

श्रीमद् भागवत कथा(Bhagwat Katha) में मालवा माटी(Malwa Mati) के संत पं. उपेन्द्र व्यास सुना रहे कथा

इटारसी। श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं कई संदेश देती हैं। नई गरीबी लाइन में चल रही श्रीमद् भागवत कथा (Bhagwat Katha) में आज बाललीला का अत्यंत सुंदर वर्णन कथावाचन पं.उपेन्द्र व्यास ने किया। उन्होंने बताया कि भगवान द्वारा दुष्ट कंस के द्वार तक माखन, दूध, दही नहीं पहुंचने देने के कारण ही माखनचोरी की लीला रची थी। पूतना का वध करके उसका भी उद्धार किया।

उन्होंने बताया कि भगवान यदि कोई काम करते हैं तो उसके पीछे उनका कोई न कोई उद्देश्य होता है। उपस्थित भक्त श्रोताओं से उन्होंने कहा कि अच्छा जीवन चाहिए तो हमेशा अच्छे लोगों के संपर्क में रहो, भगवान की भक्ति में अपने को लीन करो, भगवान के दर्शन, ध्यान में मन लगाओ। जिनके साथ भगवान होते हैं, उनको हर परिस्थिति में साथ देते हैं। उन्होंने कहा कि यदि विषय वासना सताए तो भगवान की शरण में जाएं। सत्य को स्वीकार करें। कथा स्थल पर आज छप्पनभोग और गोवर्धन धारण की झांकी सजायी गई थी जिसके भक्तों ने दर्शन किए।

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श्रीमद् भागवत कथा के साथ श्री व्यास जीवन के अनेक पहलुओं पर भी श्रोता भक्तों का ध्यान आकर्षित करके जीवन में सुधार का संदेश भी दे रहे हैं। परिवार से बड़ों का आदर भाव खत्म हो रहा है। आज के बच्चे जो कुछ पढ़ गए हैं वे अपने परिवार के बड़ों का आदर ही करना भूल रहे हैं। वे स्वयं ही अपने को बड़ा समझने लगे हैं। परिवार में यदि ईश्वर की भक्ति होगी, बच्चों को बचपन से ही भक्ति के प्रति झुकाएंगे तो उनमें भी अच्छे संस्कार आएंगे। युवाओं को भी अपने भागदौड़ भरे जीवन में से कुछ वक्त निकालकर भगवान की शरण में वक्त गुजारना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो ज्ञान आचरण में आ जाए वही काम का होता है।

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