इटारसी। तृतीय अपर सत्र न्यायालय इटारसी संजय कुमार पांडेय की अदालत ने ग्राम होरियापीपर थाना रामपुर गुर्रा निवासी आरोपी संतराम कीर, गुलाब कीर, जगदीश कीर, जितेंद्र कीर, विनोद कीर, रामकुमार कीर को फरियादी कोमल सिंह, दिग्विजय सिंह, अशोक जमनानी, बलदेव सिंह के साथ तलवार, कुल्हाड़ी तथा लाठी से गंभीर रूप से घायल करने का दोषी पाते हुए तथा बलवा करके फरियादी गणों से मारपीट करने का दोषी पाते हुए सभी आरोपियों को भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 149 एवं धारा 307 में दोषी पाते हुए 148 में एक 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच सौ रुपए जुर्माना, धारा 307 सहपठित धारा 149 में 5- 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
आरोपी संतराम कीर को धारा 147 में 6 माह का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। सभी आरोपियों को 4 काउंट में सजा दी गई है, चार काउंट में अर्थदंड भी अधिरोपित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर प्रत्येक आरोपियों को दो-दो माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी। आरोपी गण घटना दिनांक से 12 नवंबर 2011 से 2 अप्रैल 2012 तक जेल में रहे हैं इस न्यायिक निरोध की अवधि को सजा में समायोजित किया जाएगा। आरोपियों की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
इस प्रकरण में मध्यप्रदेश शासन की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि 11 नवंबर 2011 को शाम के 5 बजे के लगभग ग्राम होरिया पीपर में फरियादी कोमल सिंह, दिग्विजय सिंह, अशोक जमनानी, बलदेव सिंह, रामकिशोर निकोटे, जयराज जुगानी अपनी मोटरसाइकिलों से अशोक जमनानी की जमीन गांव देखने गए थे। जमीन देखकर जब सभी लोग वापस होशंगाबाद जा रहे थे, तब भैयालाल कीर के घर के सामने आरोपी भैया लाल कीर, गुलाब कीर, संतराम कीर, जितेंद्र कीर, विनोद कीर, राम कुमार कीर, जगदीश कीर तथा अन्य लोगों ने रास्ता रोककर मां बहन की गालियां देकर कहाकि हम हमारे गांव की जमीन बाहर वालों को नहीं खरीदने देंगे। तब फरियादियों ने गाली देने से मना किया तो संतराम कीर ने तलवार स,े भैयालाल ने फरसे से, गुलाब कीर ने कुल्हाड़ी से तथा अन्य लोगों ने लाठियों से मारपीट शुरू कर दी थी जिससे कोमल को सिर में, दिग्विजय सिंह को सिर में, बाएं हाथ पर, बाएं पैर पर तथा पीठ पर चोट आई थी। अशोक जमनानी को दोनों पैरों में, बाएं कंधे पर तथा हाथों में चोट आई थी।
घटना मौके पर उपस्थित रामकिशोर निकोटे एवं जयराम जुबानी ने देखी है। आरोपियों ने जाते-जाते धमकी दी थी कि अबकी बार यहां गांव में आए तो हम तुम्हें जान से खत्म कर देंगे। तब इस घटना की रिपोर्ट फरियादी कोमल ने थाना होशंगाबाद में सबसे पहले लिखाई थी। जहां जीरो की कायमी के पश्चात मूल अपराध थाना रामपुर गुर्रा में 57/15 के रूप में दर्ज हुआ था। आरोपी गण के विरुद्ध अभियोग पत्र इटारसी न्यायालय में प्रस्तुत किया था। जहां संपूर्ण विचारण वाद तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने सभी आरोपियों को उक्त सजा एवं जुर्माने से दंडित किया है। आरोपियों को निर्णय सुनाए जाने के पश्चात सजा वारंट से जिला जेल होशंगाबाद भेज दिया है। इस प्रकरण में मुख्य आरोपी भैया लाल कीर की प्रकरण के विचारण के दौरान 1 अक्टूबर 2020 को मृत्यु हो चुकी है। इस प्रकरण की संपूर्ण पैरवी अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदौरिया ने न्यायालय में की थी।