कृषि बिल पर उठा रही शंका दूर करे सरकार

Post by: Rohit Nage

क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन ने दिया प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन
इटारसी। क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन ने केन्द्र सरकार से तीन पारित कृषि बिल (Agricultural bill) के विषय में उठी शंकाओं को दूर करने गैर राजनैतिक दलों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को वार्ता में बुलाकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। प्रधानमंत्री (Prime minister)के नाम एक ज्ञापन संगठन ने एसडीएम (Sdm) के मार्फत प्रेषित किया है। इसी तरह से मुख्यमंत्री (Chief Minister)के नाम प्रेषित ज्ञापन में किसानों की कर्जमाफी की मांग की गई है।
प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में संगठन ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि सुधार के नाम पर जो तीन अध्यादेश पास किए हैं, उससे किसानों के मन में संदेह पैदा हो रहा है और सरकार इन आशंकाओं को दूर करने में विफल रही है। सरकार कानूनों को कृषि क्षेत्र में क्रांतिकार बदलाव बता रही है। लेकिन, यह बदलाव किस तरह से होगा, किसानों को कैसे लाभ होगा, यह समझा नहीं सकी है। संगठन ने कहा कि सबसे पहले तो 26-27 सितंबर को किसान आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा किया जाए, सभी गैर राजनैतिक संगठन जिनका इतिहास और वर्तमान गैर राजनैतिक रहा हो, उनके एक-एक प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर कृषि मंत्री और कृषि विशेषज्ञ पर्याप्त समय के लिए बातचीत करें और तीनों कानूनों से किसानों के मन में जो शंका है, उसे दूर करें। किसान संगठन एमएसपी (MSP)की गारंटी चाहते हैं, सरकार भी कह रही है कि यह जारी रहेगा, तो फिर तीनों कानूनों के साथ एक और एमएसपी गारंटी (Guarantee)का कानून बनाने में क्या हर्ज है?
मप्र के मुख्यमंत्री के नाम दिये ज्ञापन में कहा है कि पिछली सरकार ने किसानों की ऋण माफी योजना की घोषणा से किसान डिफाल्टर (defaulter) हो गये हैं। इस योजना को आगे संचालित कर ऋण माफी की जाए, खरीफ फसलों को कीट आदि से हुए नुकसान की भरपायी के लिए बीमा क्षतिपूर्ति और मुआवजा राशि मिले, प्रधानमंत्री सम्मान निधि (Prime Minister’s Samman Nidhi)और किसान कल्याण निधि (Farmers Welfare Fund)से छोटे किसानों को लाभ दिलाने विशेष अभियान चले, कृषि मंडी में समर्थन मूल्य पर कम खरीद न हो, किसानों को रबी सीजन में दिन के समय सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली मिले, सरकारी धान में 25 क्विंटल प्रति एकड़ खरीद हो, इटारसी मंडी (Itarsi Mandi)में बड़ा तौलकांटा, किसानों को समय पर और नगद भुगतान में विसंगति दूर करने आदि मांग शामिल हैं।

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