पंकज पटेरिया
कभी नर्मदापुरम की लोकप्रिय पुलिस कप्तान और साहित्यकार रही और अब अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के नेतृत्व में बच्चों को जागरूक करने एक शानदार अभियान अभिमन्यु का आगाज किया गया है। इस अभियान का फलक बहुत बड़ा व्यापक जन हितैषी है।
खासतौर से महिला हिंसा, छेड़छाड़ आदि घटनाओं को नियंत्रित करने और उनके खिलाफ जागरूकता लाने के लिए इसका श्रीगणेश किया गया है। खासतौर से गैर संगठित इलाके, गांव देहात और शहरी बस्तियों में भी इस मुहिम के तहत शिविर लगाकर जागरूक किया जाएगा। माना जाता है कि दुष्कर्म, दहेज, प्रताडऩा, घरेलू हिंसा रोकने के लिए विशेष तौर से लड़कों की सोच में तब्दीली लाने के लिए यह अनूठा अभिमन्यु अभियान शुरू किया गया। मध्यप्रदेश पुलिस के सर्वत्र सराहे जा रहे इस अभियान में पुलिस एनजीओ और काउंसलर, स्कूल कॉलेज में जाएंगे और जागरूकता चलाएंगे। अभियान का पहला चरण 12 से 22 जून तक चला और दूसरा चरण अगस्त, सितंबर माह में शुरू किए जाने की योजना है जो डेढ़ से दो माह तक चलेगा।
महिलाओं के खिलाफ अपराधियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस हेड क्वार्टर की महिला सुरक्षा शाखा ने यह अभियान शुरू किया है और इसकी कमान आईपीएस प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के सशक्त हाथों में है। यह भी पहल की गई है कि नशा मुक्ति, पोर्नोग्राफी को रोकने और भेदभाव, रूढि़वादिता को भी खत्म करने के ठोस प्रयास किए जाएंगे। खबर के अनुसार कई जिलों में ‘मैं हूं अभिमन्यु.’ संकल्प के साथ इस अभियान की शपथ ली गई। जानकारी के अनुसार दूसरे चरण में पुलिस द्वारा प्रदेश भर में लगभग 50 हजार लोगों की अहम राय मशविरा भी एक प्रश्नावली देकर जानी जाएगी। एडीजीपी मैडम श्रीवास्तव का कहना है कि अभियान का नाम अभिमन्यु इसलिए रखा है कि बदलने की शुरूआत मां के गर्भ से होनी चाहिए। बच्चों की पहली स्कूल मां होती है और उसकी सीख बच्चों की सोच समझ बदलती है। अभिमान के दूसरे चरण में प्रेरक फिल्में दिखाई जायेगी। सालाना मूल्यांकन भी अभिमन्यु अभियान का किया जाएगा। उम्मीद की जानी चाहिए इसके बेहद चमकीले नतीजे मिलेंगे।
नर्मदे हर।
- लेखक वरिष्ठ पत्रकार, कवि एवं ज्योतिष सलाहकार हैं।
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