नई टेक्नोलॉजी और मांटेसरी एज्युकेशन से संवरते नन्हें मुन्नें
इटारसी। बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा की तलाश हर माता पिता की होती है। प्रतियोगिता के दौर में माता पिता अपने बच्चों को सफलता की ओर बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। बच्चों के बचपन को संजोता और इन माता पिता का सपना पूरा करता है बचपन।
बचपन अपने 1200 से ज्यादा स्कूलों को सफलतापूर्वक न्यू टेक्नोलॉजी प्रदान करता है। संचालक दीपक दुगाया ने जानकारी देते हुए बताया कि थीम बेस्ड लर्निंग अब बचपन के लिए पुरानी पद्धति हो गई है। आज की नई टेक्नोलॉजी से हमें बच्चों को परिचय कराते हुए, आगे बढाना होगा। आज बचपन अपनी स्मार्ट क्लास, स्पीक ओ पेन, रोबोटाइम, टेबलेट, व्हीआर जैसे सुविधा बच्चों को उपलब्ध करा रही है। इसी के कारण इंडिया का पहला डिजिटल स्कूल बन गया है। इन्ही नवीनतम तकनीक और अपनी आयु के मुताबिक मांटेसरी एज्युकेशन के कारण बचपन ने दूसरों से अपनी अलग पहचान बनाई है।
उन्होंने इस डिजिटलाइजेशन के बारे में बताया कि स्मार्ट क्लास हेतु प्राईस्मार्ट बच्चों के डिजिटल लर्निंग का साफ्टवेयर है। जिसे हमारे स्मार्ट कंटेंट पार्टनर गेल ने बनाया है। बचपन का मानना है कि थ्योरी क्लास से ज्यादा बच्चों को सामने डिजिटल देखकर समझ आता है। इसी बात को ध्यान में रखा गया है। अब बच्चे को स्मार्ट क्लास में ई लर्निंग की बुनियादी शिक्षा एक बेहतर तरह से प्रदान की जा रही है। स्मार्ट क्लास में हर क्लास का सिलेबस साफ्टवेयर से मेप्ड है। यह सिलेबस आडियो विजुअल एवं थ्रीडी टेक्नोलॉजी पर आधारित है।
टेक्नोलॉजी के साथ साथ सीखने की परंपरागत दृष्टिकोण को भी बचपन ने अपनाया है। बचपन ने स्पीक ओ बुक्स के माध्यम से परंपरागत दृष्टिकोण को नई तरह से प्रस्तुत किया है, जो छात्रों को स्वयं पढ़ने और सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है जिन्हें स्पीक ओ पेन कहते है। यह नैनो टेक्नोलॉजीयुक्त बहुत एडवांस तकनीक है, जो स्पीक ओ बुक्स में लिखी पाठ और कविताओं को साफ शब्दों में पढ़ने में सक्षम है। इससे बच्चे को घर पर भी सही सीखने, उच्चारण की सटीकता और स्वयं से बार बार पढने की आदत बनती है। बचपन में हर लेबल की बुक्स स्पीको बुक्स है।
बचपन के नन्हें मुन्नों के लिए रोबोटाइम एक एक्शन से भरपूर किट है। जिससे बच्चे खेलते हुए सीखने के लिए उत्साहित रहते है। इसकी स्टार्टर किट विश्व रोबोटिक्स पाठयक्रम का एक हिस्सा है जो वास्तव में एक ट्रेंड सेटर है। इस किट के द्वारा बच्चों का मोटरसिक्लस, ब्रेन स्टिमुलेशन, विजुअल एबिलिटी, कान्संट्रेशन, शेप काग्निशन विकसित होता है।
ये तीनों ही टेक्नोलॉजी का हम बचपन के नन्हें मुन्नों के विकास में प्रयोग करते है। इसके अलावा बच्चों के डेव्लपमेंट के लिए बच्चों की केयरिंग के साथ गुड टीचर स्टुडेंट रेशियो, डाइनिंग रूम, ऑडियो, वीडियो रूम, जिम रूम, आर्ट एण्ड क्राफट रूम, बाल रूम एवं डॉल रूम का भी प्रयोग किया जाता है।