होशंगाबाद। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय (Govt Narmada College) में विश्व बैंक परियोजना के तहत विद्यार्थियों में सूचना शिक्षा और संवाद योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए आयोजित किए गए। कार्यक्रम में बेंगलुरु से डॉक्टर सुचित्रा विश्वास ने कहा कि आज में कोई नहीं जीता जबकि आज में जीना चाहिए। शासकीय नर्मदा महाविद्यालय में विश्व बैंक परियोजना के तहत विद्यार्थियों में सूचना शिक्षा और संवाद योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए आयोजित किए गए कार्यक्रम में बेंगलुरु से डॉक्टर सुचित्रा विश्वास ने कहा कि आज में कोई नहीं जीता जबकि आज में जीना चाहिए। उन्होंने कोविड-19 का वायरस किस तरह हमारे शरीर को प्रभावित करता है, कैसे निमोनिया होता है इस विषय पर प्रकाश डाला। उनका कहना है कि हमें अपने इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग करना होगा तभी हमारा इम्यून सिस्टम कोरोना से जंग जीत पाएगा। म्यूटेशन जारी है। यह बहुत अधिक नुकसानदायक हो भी सकता है ,नहीं भी हो सकता। हमें जीवन को फॉर ग्रांटेड नहीं लेना चाहिए। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य डॉ ओ. एन चौबे ने विद्यार्थियों को जागरूक किया और आमंत्रित अतिथियों का वर्चुअल स्वागत किया | डॉ. चौबे ने कहा कि कोविड -19 ने रचनात्मकता के अवसर भी दिये हैं। डॉ हंसा व्यास ने वर्चुअल वेबिनार का उद्देश्य बताया कि महाविद्यालय खुलने वाले हैं अतः विद्यार्थियों को सावधानीपूर्वक और जागरूक रहकर अपना काम करना होगा। इसलिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
वहीं मनोवैज्ञानिक डॉ रागिनी दुबे ने कहा कि कोविड-19 ने लोगों को मानसिक रुप से बहुत प्रभावित किया है। उदासी की कैस बड़े हैं। अधिक लोगों को हिस्टीरिया के दौरे पड़ने लगे हैं। लोगों की संघर्ष करने की क्षमता कम हो गई है अतः विद्यार्थियों को अपने पर विश्वास रखना है और उन्हें मानसिक रुप से मजबूत बनना होगा।
इंदौर से विभूति व्यास ने अपने अनुभव शेयर किए। इंदौर मध्य प्रदेश में सबसे हाई रिस्क पर था। उनका कहना था कि जिनको कोरोना हुआ उन्हें भूलना होगा कि उन्हें यह बीमारी हुई। अपने शरीर में होने वाले परिवर्तन को हमेशा कोरोना से ना जोड़ें फिजकल दूरी बनाये। सामाजिक रिश्तों को मजबूत बनाये। एम. ए. इतिहास के विद्यार्थी श्याम बिजोरिया ने कहा समस्याओं से मुंह फेरकर आशावादी बनने से काम नहीं चलेगा यथार्थ के धरातल पर काम करना होगा। एल. एल. बी. की छात्रा आयुषी गिल्ला ने ऑनलाइन रोजगार के अवसर की उपलब्धता पर प्रकाश डाला। सफलता पूर्वक संचालन डॉ. कल्पना विश्वास ने किया। प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए आभार डॉ अंजना यादव ने किया। कार्यक्रम की परिकल्पना एवं संयोजन प्राध्यापक संयोजक डॉ. प्रीति उदयपुरे, सह संयोजक डॉ. यू. एस. पटले, सचिव डॉ कल्पना भारद्वाज, सह सचिव अभिषेक सिंह का रहा। तकनीकी सहयोग अश्विनी यादव एवं मनोज यादव का रहा। कार्यक्रम में डॉ बी.सी .जोशी, डॉ. विनीता अवस्थी, डॉक्टर ममता गर्ग डॉक्टर एस सी हर्णे, डॉ. मीना कीर डॉक्टर सविता गुप्ता, महाविद्यालय का पूरा स्टॉफ तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।