इटारसी। सिविल हॉस्पिटल के चिकित्सा स्टाफ ने पिछले दिनों जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के खिलाफ हुई लोकायुक्त कार्रवाई को उनके खिलाफ साजिश बताया है आज एसडीएम को दिए ज्ञापन में चिकित्सा स्टाफ ने कमिश्नर नरेंद्र पुरम से मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा है कि शिकायतकर्ता और उस उनकी पत्नी जिला कार्यालय में हमेशा विवादित रहे हैं पूर्व में कार्यालय में लड़ाई झगड़े के वीडियो वायरल होने पर इनके खिलाफ सीएमएचओ ने कार्रवाई की थी जिसके तहत बदले की भावना से शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त में शिकायत करके यह फर्जी मामला दर्ज कराया है।
आयुक्त (राजस्व) नर्मदापुरम संभाग और कलेक्टर के नाम दिए ज्ञापन में चिकित्सा कर्मचारियों ने कहा है कि कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नर्मदापुरम में मदनमोहन वर्मा सहायक ग्रेड-3 एवं उनकी पत्नी अनामिका वर्मा, एएनएम द्वारा कार्यालय में आये दिन लडाई-झगड़े किए जाने के कारण इनके विरूद्ध शासकीय नियमों के तहत निलंबन की कार्यवाही की गई थी जिसके बाद इनके मन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बदले की भावना के साथ कार्य कर रहे थे। तभी मदन वर्मा ने बदला लेने हेतु 02 मई 2022 को छल पूर्वक लोकायुक्त द्वारा ट्रेपिंग कायवाही करवाई गई है जो न्यायोचित नहीं है।
पूर्व में इनका कार्यव्यवहार उचित नहीं था इनके परिवार के अन्य सदस्य जो शासकीय सेवा में कार्यरत हैं उनके द्वारा सदैव कार्यालय में विवाद किया जाता रहा है। पूर्व में इनकी पत्नी एवं अन्य कर्मचारियों से लडाई झगड़ा किया जाता था जिसका वीडियो वायरल हुआ जिसके कारण भी विभाग की छवि धूमिल हुई।
ज्ञापन में अनुरोध किया है कि डॉ प्रदीप मोजेस मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के विरूद्ध इनके द्वारा छलपूर्वक कार्यवाही करवाई गई है। अतः इनके विरुद्ध विवादित कर्मचारी द्वारा की गई कार्यवाही अनुचित प्रतीत होती है। संबंधित फर्मों का भुगतान पूर्व में किया जा चुका था एवं संबंधित फार्मों की भुगतान की कार्यवाही लंबित नहीं थी। संबंधित फर्म द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं करायी गयी है। इस संबंध में उचित कार्यवाही करने का कष्ट करें जिससे विभाग की छवि धूमिल एवं हम समस्त कर्मचारी भयमुक्त होकर शासन के पक्ष में कार्य संपादित कर सकें एवं निवेदन है कि डॉ प्रदीप मोजेस मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नर्मदापुरम जिले में यथावत पदस्थ रहने हेतु शासन से अनुशंसा करने का कष्ट करें। क्योकि ऐसे कर्मचारियों के विरूद्ध मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा कार्यवाही कर जिले में नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराई गई है। इनका कार्य एवं व्यवहार बेहतर है।