69 हजार से अधिक बालिकाओं को लाड़ली प्रमाण-पत्र जारी
होशंगाबाद। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि लाड़ली लक्ष्मी योजना से जुड़ी बालिकाओं की कॉलेज की पढ़ाई से लेकर नौकरी लगने तक हर संभव सहायता की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं वचन देता हूँ कि जिंदगी के हर मोड़ पर लाड़ली लक्ष्मियों का यह मामा उनके साथ खड़ा रहेगा। समाज में बेटा-बेटी को लेकर मौजूद भेदभाव को मिटाने के लिए आरंभ हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना में बेटियों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने गत दिवस योजना की हितग्राही बालिकाओं को मंत्रालय से छात्रवृत्ति की राशि वितरित की और उनके साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने 95 हजार 434 बालिकाओं को 27 करोड़ 90 लाख की राशि की छात्रवृत्ति प्रदान की। साथ ही 69 हजार 337 नवीन बालिकाओं को लाड़ली प्रमाण-पत्र भी वितरित किए।
जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें बेटियाँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक जमाना था जब लोग बेटे की कामना करते थे। बेटे को बुढ़ापे का सहारा और बेटी को बोझ माना जाता था। इस सोच को बदलने और बेटी को वरदान मानने का भाव विकसित करने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गई। विचार यह
था कि बेटी के जन्म लेते ही उसके लखपति बनने की गारंटी हो और यह योजना ऐसी हो जो पढ़ाई से भी जुड़े ताकि माता-पिता बेटियों को पढ़ाने का विशेष प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जीवन में लक्ष्य निर्धारित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने माता-पिता को भी बेटियों को खूब लाड़-प्यार देने और बेटियों द्वारा स्वयं अपने निर्णय लेने के लिए उन्हें प्रेरित करने का आग्रह किया।
मैं आज भी रोज अपना टाइम-टेबल बनाता हूँ
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेटियों से संवाद में उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि मैं बेटियों को
कलेक्टर, डॉक्टर, इंजीनियर बनते देखना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि अनुशासन सफलता का
आधार है। आप अपना लक्ष्य तय करें, रोडमेप बनाएँ और प्रतिदिन टाइम-टेबल तय कर उसका
पालन करें। मैं आज भी प्रतिदिन अपना टाइम-टेबल बनाता हूँ और उसके अनुसार ही पूरे दिन
के कार्य संपादित करता हूँ।
अपने पर विश्वास और बुलंद हौसला जरूरी है
मुख्यमंत्री चौहान ने सीहोर की मुस्कान रायकवार से कहा कि तुम सदा मुस्कुराते रहना। मुस्कान ने डॉक्टर बनने की इच्छा व्यक्त की तो मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि तुम नीट क्लीयर करो। विश्वास और हौसला बनाकर रखो, मंजिल पर अवश्य पहुँचोगी।
तुम नीट क्लीयर करो मैं एम.बी.बी.एस. कराऊंगा
बैतूल की सायरा खान से कहा कि तुम नीट क्लीयर करो, मैं तुम्हें एम.बी.बी.एस कराऊंगा। सायरा के पिता मजदूरी करते हैं, वह 12वीं कक्षा में है और डॉक्टर बनना चाहती है। मुख्यमंत्री चौहान ने सायरा से कहा कि 12वीं बोर्ड की परीक्षा है, यह आगे के जीवन का आधार है। इसे पूरी गंभीरता से लेना।
प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास अशोक शाह ने बताया कि प्रदेश में 1 अप्रैल 2007 से लागू की गई योजना में 1 जनवरी 2006 या उसके पश्चात जन्मी बालिकाएँ हितग्राही हैं। अब तक 39 लाख 50 हजार बालिकाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। पिछले शैक्षणिक वर्ष तक कक्षा 6वीं, 9वीं, 11वीं और 12वीं में प्रवेश लेने वाली 5 लाख 91 हजार 203 बालिकाओं को 136 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति वितरित की गई। वर्ष 2020-21 में विभाग द्वारा अभियान चलाकर योजना में 11 लाख 65 हजार एनएससी पोस्ट ऑफिस में जमा कराई गई।