जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर पर्वतराज को पर्यटन स्थल और अभयारण्य घोषित करने का विरोध

Post by: Rohit Nage

सकल जैन समाज ने निकाला मौन जुलूस, एसडीएम को दिया ज्ञापन
इटारसी।
झारखंड सरकार द्वारा गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित जैनों के सर्वोच्च तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी (पारसनाथ पर्वत राज) को वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग घोषित करने व पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के विरोध में सकल जैन समाज ने काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाला और एसडीएम को ज्ञापन दिया।
देश भर में चल रहे सकल जैन द्वारा किये जा रहे, विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनते हुए, आज सकल जैन समाज, इटारसी ने शहर के मुख्य मार्गों से विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर मौन जुलूस निकाला व जयस्तंभ चौक पर पहुंचकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, केन्द्रीय विधिमंत्री, मुख्यमंत्री (झारखंड), मुख्यमंत्री (मध्यप्रदेश) व राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन एसडीएम मदन सिह रघुवंशी को दिया।

ये हैं जैन समाज की मांगें

  • श्री सम्मेद शिखर पर्वतराज को वन्य जीव अभयारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल पर्यटन मास्टर प्लान से बाहर किया जाये।
  • श्री सम्मेद शिखर पर्वतराज सदियों से जैन तीर्थ माना जाता है, तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना अविलंब रद्द की जाए।
  • श्री सम्मेद शिखर पर्वतराज की वंदना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच हेतु सीआरपीएफ व स्कैनर सीसीटीवी कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनायें।
  • श्री सम्मेद शिखर पर्वतराज और मधुबन को मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित किया जाये।
  • श्री सम्मेद शिखर पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध उत्खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित किया जाये।

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