इटारसी। गुरद्वारा श्री गुरु सिंह सभा इटारसी द्वारा श्री गुरु नानक देव जी की जयंती पर डिस्पोजल थाली को हटाकर स्टील की थाली में लंगर खिलाया जाएगा। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि लंगर के जूठे बर्तन धोने से सेवा का भाव बना रहता है। गुरुसिंघ सभा द्वारा करीब 5000 थाली में लंगर कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राजधानी भोपाल की हमीदिया रोड गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी ऐसा ही फैसला लिया है, जिसकी प्रेरणा से गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा इटारसी भी इस गुरुनानक जयंती से इसे लागू करने वाली है। सभा के प्रधान जसवीर सिंघ छाबड़ा का कहना है कि पिछले दिनों से ऐसा विचार चल रहा था, अब इसे लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसा इंदौर के एक गुरुद्वारे में किया जा चुका है, और हमें वहीं से प्रेरणा मिली थी, तो कई दिनों से विचार किया जा रहा था। अब भोपाल में भी हुआ तो हमने भी इसे लागू करने का फैसला किया है।
पांच सौ सेवादार सामने आ गये
सिख समाज के सदस्यों का एक सोशल मीडिया ग्रुप है, इस ग्रुप में इस विचार को पोस्ट करते ही करीब पांच सौ लोगों ने सेवा करने की इच्छा जाहिर कर दी है। गुरुसिंघ सभा के पास करीब ढाई हजार थालियां पूर्व से हैं, ढाई हजार नयी थालियां खरीदी गई हैं, अत: अब पांच हजार थालियों से गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व से इसकी शुरुआत की जाएगी।
पहले भी स्टील की थाली में लंगर करवाया जाता था
ऐसा नहीं है कि गुरुद्वारा में थालियां उपयोग में नहीं होती हैं, या हमेशा डिस्पोजल में ही लंगर होता है। दरअसल, चार पांच सौ लोगों के लंगर के लोकल समाज के आयोजन में स्टील की थालियां ही उपयोग में लायी जाती रही हैं। बड़े और सार्वजनिक आयोजन में अवश्य डिस्पोजल का उपयोग किया जाता था, जो अब इस प्रकाश पर्व से बंद करके लंगर स्टील की थालियों में ही कराया जाएगा।
ये होंगे फायदे
स्टील की थालियों में लंगर होने से न सिर्फ शहर में कचरा कम करने की दिशा में सार्थक कदम होगा, बल्कि पर्यावरण सुधार की दृष्टि से भी यह बेहतरीन पहल होगी। यह एक सेवा का काम है, जो हर कोई करना चाहता है। सिख समाज ऐसी सेवा के लिए हमेशा से जाना जाता रहा है। इस तरह से यदि आयोजन होंगे तो अन्य समाज को भी प्रेरणा मिलेगी और शहर को जीरो वेस्ट सिटी बनाने में भी मदद मिलेगी।
इनका कहना है….
हमने अपने सोशल मीडिया ग्रुप में इस विचार को पोस्ट किया तो पांच सौ लोग सेवा के लिए सामने आ गये। हम इस गुरुनानक देव की जयंती से लंगर स्टील की थालियों में ही कराएंगे।
– जसवीर सिंघ छाबड़ा, प्रधान गुरुद्वारा गुरुसिंघ सभा इटारसी